Primary education निदेशक हाई कोर्ट तलब

Update: 2024-06-29 12:43 GMT
Shimla. शिमला। एक ही मुद्दे पर दो अलग अलग जानकारी पेश करने पर प्रदेश हाई कोर्ट ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को कोर्ट के समक्ष पेश होने के आदेश दिए। कोर्ट के आदेशों की अहवेलना करने से जुड़े मामले में न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ ने श्याम लाल द्वारा दायर अवमानना याचिका की सुनवाई के पश्चात यह आदेश पारित किए। कोर्ट के फैसले पर अमल को लेकर इस मामले पर सुबह हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट के समक्ष हिदायत पेश की गई थी। इस हिदायत के अनुसार बीईईओ नालागढ़ से प्राप्त सूचना के आधार पर कोर्ट को बताया गया कि प्रार्थी का अनुबंध काल वार्षिक वेतन वृद्धि और पेंशन के लिए गिन लिया गया है और सभी वित्तीय लाभों की बकाया राशि प्रार्थी को चुका दी गई है। शिक्षा विभाग का कहना था कि हाई कोर्ट के आदेशों की पूरी अनुपालना कर दी गई है। इस पर प्रार्थी के वकील ने अपनी आपत्ति दर्ज करवाई। प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि प्रार्थी को अभी तक
कोई पेंशन नहीं लगाई गई है।

लीवऐन-केशमेंट और गे्रच्यूटी का बकाया भी नहीं दिया गया है, जिस कारण कोर्ट ने सरकार से ताजा हिदायत हेतु मामला दोपहर बाद के लिए सुनवाई के लिए रखा। दोपहर बाद पेश हिदायत में बताया गया कि प्रार्थी का पेंशन से जुड़ा मामला अकाउंटेंट जनरल के कार्यालय में भेज दिया गया है और अनुबंध काल का समय गिनने के पश्चात संशोधित पेंशन का मामला भी अकाउंटेंट जनरल को भेज दिया जाएगा। कोर्ट ने सुबह के सत्र में दिए गए निर्देश और दोपहर बाद के सत्र में दिए गए निर्देश एक-दूसरे के विपरीत पाते हुए कहा कि शिक्षा निदेशक ने दोपहर बाद की हिदायत में माना कि कोर्ट के आदेशों का पूरी तरह अनुपालन नहीं हुआ है। कोर्ट ने कहा कि शिक्षा विभाग ने अभी तक संशोधित पेंशन का मसौदा भी तैयार नहीं किया है और यह भी नहीं माना है कि प्रार्थी को लीवऐन-केशमेंट का पैसा दे दिया गया है। इन दो अलग-अलग हिदायतों पर स्पष्टीकरण हेतु कोर्ट ने प्रारंभिक शिक्षा को तलब करने के आदेश जारी किए। कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि वास्तव में न्यायालय द्वारा पारित निर्देशों की जानबूझकर अवज्ञा की गई है। मामले पर सुनवाई 18 जुलाई को निर्धारित की गई है।
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