कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने रविवार को झालदा नगर पालिका के कांग्रेस के दिवंगत पार्षद तपन कांदू की पत्नी से मुलाकात के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग उठायी। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुवेंदु अधिकारी ने कांदू के करीबी दोस्त निरंजन वैष्णव के स्वजनों से भी मुलाकात की, जिनकी हाल ही में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी।
भाजपा ने नेता ने झालदा में संवाददाताओं से कहा कि भाजपा पार्टी लाइन से उठकर हाल के दिनों में ''तृणमूल कांग्रेस के अत्याचारों'' से प्रभावित सभी लोगों की हरसंभव मदद करेगी। उन्होंने कहा, ''हमने तपन कांदू की हत्या और वैष्णव की अप्राकृतिक मौत मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। हमें खुशी है कि माननीय उच्च न्यायालय ने घटनाओं की अदालत की निगरानी में जांच का आदेश दिया है। हमने हाल में बीरभूम जिले के बोगटूई में मारे गए नौ लोगों के परिवारों को भी हरसंभव मदद का संकल्प जताया है।
राज्य की हालिया घटनाओं का हवाला देते हुए सुवेंदु अधिकारी ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल की कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है और ममता बनर्जी सरकार हालात से निपटने में पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि इन सभी घटनाओं में तृणमूल कांग्रेस के सदस्य संदिग्ध हैं और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है इसलिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होना चाहिए।
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की गोलबंदी
आगामी जुलाई महीने में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के पहले सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की कवायद एक बार फिर तेज हो गई है। इसी के मद्देनजर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) विपक्षी दलों को गोलबंद करने के लिए गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिलेंगे। इसी क्रम में अप्रैल के अंत तक राव कोलकाता आएंगे और यहां बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी से मिलेंगे। जानकारी के अनुसार, ममता के साथ बैठक में राष्ट्रपति चुनाव के पहले विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। गौरतलब है कि ममता ने राष्ट्रपति चुनाव एवं 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पहले ही सभी विपक्षी पार्टियों से एकजुट होने का आह्वान किया था।