प्रेजिडेंट्स बॉडीगार्ड चार्जर: घोड़े को मिला सम्मान, इस बात को किया सही साबित
गणतंत्र दिवस परेड के मौके पर जब देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राजपथ आते हैं तो आपने उस दौरान उनके अंगरक्षकों को शानदार कदकाठी के घोड़ों पर सवार जरूर देखा होगा. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे एक ऐसे ही घोड़े 'विराट' की कहानी जिसे प्रेजिडेंट्स बॉडीगार्ड के चार्जर के रूप में भारतीय सेना ने विशेष सम्मान दिया है. विराट को अपनी योग्यता और सेवाओं के लिए चीफ ऑफ़ आर्मी स्टाफ COMMENDATION Card से सम्मानित किया गया है. जिस तरह पशु हमारे स्नेह और दुलार के हक़दार हैं उसी तरह अपने कर्तव्य पूरा करने और अनुशासन के लिए सम्मान के हक़दार भी हैं. विराट नामक घोड़े ने इस बात को सही साबित किया है.
जिस तरह महाराणा प्रताप को अपने घोड़े चेतक पर पूरा भरोसा था, जिस तरह रानी लक्ष्मीबाई अपने घोड़े पवन को विश्वासपात्र मानती थीं उसी तरह आज के युग में विराट नाम के इस घोड़े पर सबका भरोसा है. ये कोई आम घोड़ा नहीं बल्कि देश के राष्ट्रपति के अंगरक्षक परिवार में शामिल विराट घोड़ा है जिसे प्रेजिडेंट्स बॉडीगार्ड का चार्जर भी कहा जाता है. विराट रिमाउंट ट्रेनिंग स्कूल हेमपुर से 2003 में राष्ट्रपति के अंगरक्षक परिवार में सम्मिलित हुआ था. ये एक होनोवेरियन नस्ल का घोड़ा है जो अपने नाम के अनुसार बहुत ही वरिष्ठ, अनुशासित और आकर्षक कदकाठी का है.
शुरूआती दौर में विराट ने जंपिंग टीम का हिस्सा बनकर कई कीर्तिमान स्थापित किए थे. उसकी इन्हीं योग्यताओं और उम्दा गुणों से प्रभावित होकर उसे कमांडेंट चार्जर चुना गया. अब तक ये सम्मान रेजिमेंट के गिने चुने घोड़ों को ही प्राप्त हुआ है.
विराट चार्जर के रूप में राष्ट्रपति के साथ पिछले 13 वर्षो से गणतंत्र दिवस की परेड, Beating the Retreat Ceremony और अलग अलग देशों के राष्ट्राध्यक्षों के स्वागत समारोह में शामिल हुआ है. आज अपनी इन्हीं सेवाओं और योग्ताओं की वजह से विराट को एक अलग पहचान और सम्मान मिला है.