राष्ट्रपति मुर्मू का पहला दक्षिण भारत दौरा, सोमवार को पहुंचेंगी हैदराबाद

Update: 2022-12-25 15:26 GMT
हैदराबाद: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार से पांच दिवसीय दक्षिण भारत के दौरे पर रहेंगी, सबसे पहले वह हैदराबाद पहुंचेंगी। राष्ट्रपति हैदराबाद के जुड़वा शहर सिकंदराबाद के बोलारम में राष्ट्रपति निलयम में रुकेंगी, जो राष्ट्रपति का आधिकारिक र्रिटीट है।
जुलाई में सर्वोच्च पद के लिए चुने जाने के बाद से मुर्मू की हैदराबाद की यह पहली यात्रा होगी। अपने पांच दिवसीय प्रवास के दौरान, वह रामप्पा और भद्राचलम मंदिरों के दर्शन करने के साथ-साथ शहर में स्थानीय रूप से आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेंगी।
तेलंगाना सरकार ने राष्ट्रपति के ठहरने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। पुख्ता सुरक्षा के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने राष्ट्रपति निलयम को अपने नियंत्रण में ले लिया है। सेना, पुलिस, राजस्व और अन्य विभागों ने राष्ट्रपति के यहां आने और उनके ठहरने की व्यवस्था की है।
मुख्य सचिव सोमेश कुमार ने राष्ट्रपति के दौरे की तैयारियों की समीक्षा के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) और छावनी को सड़क मरम्मत कार्य और बैरिकेडिंग करने का निर्देश दिया, ताकि राष्ट्रपति निलयम में यातायात सुचारु रूप से चल सके। उन्होंने बिजली विभाग को 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने, चिकित्सा विभाग को मेडिकल टीम तैनात करने और अन्य विभागों को प्रोटोकॉल के अनुसार राष्ट्रपति निलयम में व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए।
मुर्मू 27 दिसंबर को शहर के केशव मेमोरियल स्कूल जाएंगी और छात्रों से बातचीत करेंगी। वह रंगारेड्डी जिले के काना शांति वनम में श्री रामचंद्र मिशन द्वारा फतेहपुर के श्री रामचंद्रजी महाराज के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित 'हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान' अभियान की पट्टिका के अनावरण में भी भाग लेंगी।
राष्ट्रपति साल में कम से कम एक बार राष्ट्रपति निलयम में रुकते हैं और यहीं से आधिकारिक कामकाज करते हैं। इसका निर्माण 1860 में सिकंदराबाद में ब्रिटिश रेजिडेंट के कंट्री हाउस के रूप में किया गया था। 1948 में हैदराबाद राज्य के भारत में विलय के बाद, यह राष्ट्रपति का आवास बन गया। हैदराबाद के तत्कालीन राज प्रमुख मीर उस्मान अली खान ने 14 अगस्त, 1955 को आधिकारिक रूप से राष्ट्रपति निलयम को सरकार को सौंप दिया था। इस प्रकार यह दिल्ली में राष्ट्रपति भवन और शिमला में राष्ट्रपति निवास के बाद राष्ट्रपति का तीसरा आधिकारिक निवास बन गया।
90 एकड़ में फैले, र्रिटीट के परिसर में एक विशाल भूदृश्य उद्यान, मौसमी फूल वाले पौधे, गमलों में लगे पौधे, झरने और सात विभिन्न प्रकार के पोषण उद्यान शामिल हैं। इमारत में 20 कमरे हैं जिनमें एक डाइनिंग हॉल और एक मूवी थियेटर शामिल है। पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद 1955 में यहां रुके थे और तब से हर राष्ट्रपति हर साल कम से कम एक सप्ताह के लिए दक्षिणी प्रवास के लिए हैदराबाद जाते थे। कोविड-19 महामारी के चलते पिछले दो साल से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नहीं आ सके थे। कोविंद की यहां आखिरी यात्रा दिसंबर 2019 में हुई थी।
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