Shimla. शिमला. हिमाचल सरकार सेब सीजन के लिए बाहरी राज्यों से बड़े आढ़तियों को बुलाने जा रही है। प्रदेश में यह प्रयोग पहली बार किया जा रहा है। इससे लोकल आढ़तियों का एकाधिकार खत्म होगा। सेब खरीददारों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और बागबानों को सेब के अच्छे रेट मिलेंगे। सरकार के इस फैसले का बागबान भी स्वागत कर रहे हैं। बागबानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई के आढ़तियों को सेब सीजन के लिए हिमाचल बुलाया जाएगा। इसे लेकर एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड को निर्देश दे दिए गए है। उन्होंने बताया कि एक सप्ताह के भीतर बाहरी प्रदेशों के आढ़तियों के साथ मीटिंग की जाएगी। जगत नेगी ने कहा कि प्रदेश की प्रत्येक मंडी में चार से पांच बड़े आढ़ती बिठाए जाएंगे। इससे बागबानों को सेब के अच्छे रेट मिलेंगे और समय पर पेमेंट भी सुनिश्चित होगी। बाहरी राज्यों के आढ़तियों को प्रमाणीकरण के बाद ही मंडियों में बिठाया जाएगा.
ताकि कोई भी आढ़ती बागबानों के साथ धोखाधड़ी कर भाग न सके। बाहरी राज्यों के आढ़तियों के प्रदेश की मंडियों में आने के बाद बागबानों को बाहरी राज्यों की मंडियों का रुख भी नहीं करना पड़ेगा। उन्हें घर द्वार ही अच्छे रेट मिल सकेंगे। अभी बड़ी संख्या में बागबान पेमेंट समय पर मिलने की वजह से ही चंडीगढ़, दिल्ली, कोलकाता इत्यादि मंडियों में सेब बेचते हैं। प्रदेश के कई आढ़ती दो-दो साल से बागबानों की पेमेंट का भुगतान नहीं कर रहे हैं। हालांकि कृषि उपज विपणन समिति और पुलिस की एसआईटी समय-समय पर ऐसे आढ़तियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, मगर बड़ी संख्या में बागबान ऐसे भी हैं, जो एपीएमसी और एसआईटी को पेमेंट डूबने के डर से शिकायत ही नहीं कर पाते हैं। सेब उत्पादक संघ ठियोग के अध्यक्ष महेंद्र वर्मा ने बताया कि सरकार का यह फैसला बागबानों के हित में है, मगर सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी आढ़ती बागबान की पेमेंट का भुगतान किए बगैर भाग न सके। बागबानों के साथ किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी होने पर इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.