हिमाचल की राजनीति में सियासी भूचाल...CM सुक्खू की जा सकती है कुर्सी?
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शिमला: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के नतीजे ने जहां चौंकाया तो वहीं अब सियासत अलग ही दिशा में आगे बढ़ चुकी है। कांग्रेस पार्टी प्रदेश में दो फाड़ होती दिख रही है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य ने भी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बुधवार को उन्होंने रोते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने छह बार के सीएम वीरभद्र सिंह, अपने और विधायकों के अपमान का आरोप लगाया और कहा कि असंतोष का यह नतीजा है।
विक्रमादित्य ने कहा- विधायकों की शिकायत का समाधान नहीं हुआ। यह विधायकों की अनदेखी का नतीजा है। मेरी निष्ठा पार्टी के साथ है इसलिए खुलकर बोल रहा हूं। मैं अनुशासित हूं, इसलिए मैंने जितनी बात करनी थी उतनी ही की है। लेकिन प्रदेश में जो हमारे नौजवान साथी हैं जिन्होंने इस सरकार को बनाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। क्या हम उनकी उम्मीदों को पूरा कर पाए। हमने जो बातें की हैं हमारा कर्तव्य है कि उसे समय से पूरा करें। सिर्फ यह कहना कि हमने किया है यह कहना महत्वपूर्ण नहीं है, लोगों को दिखना चाहिए कि सरकार उनके साथ खड़ी है। जिस तरह से घटनाक्रम हुआ है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं इन सब चीजों को देखकर दुखी हूं। मैंने हमेशा लीडरशिप का सम्मान किया है और सरकार को चलाने में योगदान दिया है। कांग्रेस सरकार में एक साल मंत्री के रूप में जितना हमसे हो सका एक साल के कार्यकाल में हमने पूरी मजबूती से सरकार कासमर्थन किया है। लेकिन मुझे भी अपनानित करने की कोशिश की गई।
स्पीकर ने बीजेपी के 5 विधायकों को सस्पेंड किया
हिमाचल प्रदेश में सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक ओर विक्रमादित्य सिंह ने सुक्खू सरकार से इस्तीफा दे दिया है, वहीं दूसरी ओर स्पीकर ने जयराम ठाकुर समेत बीजेपी के पांच विधायकों को सस्पेंड कर दिया है। इससे पहले जयराम ठाकुर ने इसकी आशंका जताई थी और इसको लेकर बीजेपी का डेलीगेशन राज्यपाल से मिला था।