थाना प्रभारी गिरफ्तार...फ़िल्मी स्टाइल में प्रेमिका का किया यौन शोषण

दूसरी लड़की से शादी के लिए प्रेमिका को छोड़ा

Update: 2020-12-17 16:00 GMT

शादी का झांसा देकर यौन शोषण करने के आरोप में गिरिडीह जिले के देवरी थाना के प्रभारी गौरव कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है. गौरव की गिरफ्तारी महिला थाना पुलिस द्वारा बुधवार को की गई है. गौरव के विरुद्ध रांची में रह रही एक युवती द्वारा दो साल तक यौन शोषण करने का आरोप लगाया गया है. दो साल से दोनों के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था. युवती मुख्य रूप से बोकारो की रहने वाली है. पीड़िता की शिकायत पर महिला थाना में केस संख्या 17/20 दिनांक- 16/12/2020 धारा 376, 506, 34, 417, 354सी भादवि के तहत मामला दर्ज किया गया है. साइबर थाना प्रभारी सुरेश प्रसाद मंडल इस मामले का अनुसंधानकर्ता बनाया गया है. गिरफ्तार हुए देवरी थाना प्रभारी गौरव कुमार, बिहार के लखीसराय जिले के चेतन टोला खुटाहा गांव के रहने वाले हैं.

पीड़िता ने पुलिस को बताया है कि उसकी दोस्ती गौरव कुमार उर्फ गौरव कुमार यादव से सोशल साइट पर 2018 में हुई थी. शुरुआत में दोनों के बीच दोस्ती हुई. फिर बाद में धीरे-धीरे गौरव उनके करीब आता गया. मार्च 2019 में गौरव ने उसे प्रपोज किया और बोला कि वह उससे शादी करना चाहता है. पीड़ता के मुताबिक गौरव उस वक्त ट्रेनिंग में था. उसने कहा कि ट्रेनिंग पूरी होने के बाद वह शादी करेगा. बाद में जुलाई में उसने लड़की को बताया कि उसके घर वाले शादी के लिए नहीं मान रहे हैं. इसके बाद उसने सब कुछ खत्म कर आगे बढ़ने की सोच ली. लेकिन गौरव बार-बार उसे व्हाट्सएप पर मैसेज करने लगा कि वह अपने परिवार को मना लेगा, और कहने लगा कि वह उसके बिना जी नहीं सकता. इसके बाद धीरे-धीरे वह फिर उससे बात करने लगी.

पीड़िता ने कहा कि 19 दिसंबर 2019 को गौरव बोकारो के एक होटल में उससे मिला और उसकी मांग में सिंदूर भर दिया और कहा कि वह आज से उसकी पत्नी है और जल्द ही वह कोर्ट मैरिज करेगा. 8 जनवरी 2020 को गौरव उससे रांची के एक गेस्ट हाउस में मिला. रात भर गौरव उसके साथ रहा. 30 जनवरी को गौरव ने उससे कहा कि उसकी शादी डुमरी की एक लड़की अनु कुमारी से उसकी मां उसके बगैर मर्जी से तय कर रही है.

कोर्ट मैरेज करने के लिए बुलाता था गिरिडीह

पीड़िता ने कहा है कि 27 फरवरी को गौरव ने कोर्ट मैरेज करने के लिए उसे गिरिडीह बुलाया पर कुछ न कुछ बहाना कर के बात टाल दिया और उसका ओरिजनल सर्टिफिकेट अपने पास रख लिया और कहा कि वह मैरेज सर्टिफिकेट बनवाने की कोशिश करेगा. फिर उसे 9 मार्च 2020 को कोर्ट मैरेज एवं होली के लिए गौरव ने गिरिडीह बुलाया लेकिन फिर टाल-मटोल कर दिया.

इसके बाद पीड़िता गौरव से बोली कि रांची से सर्टिफिकेट वह बनवा लेगी. इस पर गौरव ने उससे कहा कि वह जब बोलेगी वह आ जाएगा परंतु बार-बार बुलाने पर भी गौरव रांची नहीं आया. बाद में वह बोला कि उसकी शादी अनु से तय हो गई है इसलिए वह उससे शादी नहीं करेगा और उसे गोली से मारने की धमकी देने लगा.

गौरव की मां, भाई, बहन और जीजा पर भी आरोप

पीड़िता ने प्राथमिकी में गौरव के अलावा उसकी मां, भाई, बहन, जीजा तथा अनु कुमारी पर भी आरोप लगाया है. अनु पर गाली देने तथा गिरिडीह आने पर नक्सली से रास्ते में मरवा देने का आरोप लगाया गया है. पीड़िता ने कहा है कि गौरव की मां ने मामला सुलझाने की बात कही थी परंतु बाद में फोन करने पर गाली देने लगी. कहने लगी कि उसके बेटा और दामाद बिहार के कई अपराधियों को जानते हैं उसे मरवा देेंगे. वह अपना मुंह बंद रखे. पीड़िता ने गौरव की बहन पर भी गालियां देने का आरोप लगाया है.

डीजीपी के संज्ञान में लेने के बाद हुई कार्रवाई

बताया जाता है कि पहले पीड़िता ने गिरिडीह एसपी को देवरी थाना प्रभारी गौरव कुमार के विरुद्ध लिखित शिकायत दी थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद पीड़िता ने इसकी शिकायत पुलिस महानिदेशक एम वी राव से की. डीजीपी ने मामले में संज्ञान लिया और गिरिडीह एसपी को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया. डीजीपी के निर्देश पर मंगलवार को एक डीएसपी की अगुवाई में महिला थाना प्रभारी गिरिडीह से रांची पीड़िता के घर पहुंची और आवश्यक तफ्तीश की. इसके बाद बुधवार की सुबह पुलिस टीम पीड़िता को लेकर गिरिडीह वापस आ गई.

यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप देवरी थाना प्रभारी गौरव पर लगते ही पुलिस सकते में आ गई. मामला विभाग एवं पदाधिकारी से जुड़ा होने के कारण पुलिस काफी गोपनीय तरीके से कार्रवाई में जुट गई. डीआईजी हजारीबाग अमोल वेणूकांत स्वयं बुधवार को गिरिडीह पहुंचे और पूरे मामले गहन जांच की. डीआईजी की तफ्तीश के बाद महिला थाने में इस मामले की प्राथमिकी दर्ज कर ली गई और आरोपी गौरव कुमार (देवरी थाना प्रभारी) को गिरफ्तार कर लिया गया.

पीड़िता का कोर्ट में बयान हुआ कलमबंद

महिला थाना पुलिस ने पीड़िता का बुधवार की शाम को धारा 164 के तहत अदालत में बयान कलमबंद करा लिया है. मामले के अनुसंधानकर्ता सह साइबर थाना प्रभारी सुरेश प्रसाद मंडल पीड़िता का बयान कलमबंद कराने अदालत लेकर पहुंचे थे.

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