पीएम मोदी ने भारतीय मौसम विभाग के 150वें स्थापना दिवस समारोह में लिया भाग, मिशन मौसम का किया शुभारंभ
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली के भारत मंडपम में भारत मौसम विज्ञान विभाग के 150वें स्थापना दिवस के समारोह में शामिल हुए। इस दौरान पीएम मोदी ने आयोजित प्रदर्शनी का दौरा किया। साथ ही स्मारक सिक्का और 'मिशन मौसम' का शुभारंभ किया।
इस समारोह में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्द्र सिंह और विश्व मौसम विज्ञान संगठन के महासचिव सेलेस्टे साउलो भी उपस्थित रहे। भारत मौसम विज्ञान विभाग के 150वें स्थापना दिवस पर जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में मौसम पूर्वानुमान की सटीकता में 50% की वृद्धि हुई है। आज हमारे स्थापित संयंत्र केवल आईएमडी केंद्रों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि अंतरिक्ष, जमीन और समुद्र तक उनका विस्तार है। 'मिशन मौसम' का उद्देश्य विश्व स्तर की सुविधाएं प्रदान करना है और मौसम के लिए तैयार भारत बनाना है। इसका मतलब है कि मौसम की प्रत्याशित और अप्रत्याशित चुनौतियों से भारत मुकाबला करने के लिए तैयार है। पीएम मोदी के नेतृत्व में अब मंत्र यह नहीं है कि 'कल मौसम कैसा होगा', बल्कि यह है कि 'मौसम कल क्या करेगा।'
वहीं भारत मौसम विज्ञान विभाग में मौसम विज्ञान के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और व्यक्तिगत रूप से मैं आईएमडी के 150वें स्थापना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए सम्मानित महसूस कर रहा हूं। इस महत्वपूर्ण अवसर पर आपकी उपस्थिति और समर्थन के लिए हम आपके बहुत आभारी हैं। आपके दूरदर्शी नेतृत्व में भारत ने प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों सहित एक मजबूत नीति ढांचा और संस्थागत तंत्र विकसित किया है, जिसने आपदा जोखिम को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
मिशन मौसम का उद्देश्य अत्याधुनिक मौसम निगरानी टेक्नोलॉजी और प्रणालियों को विकसित करके भारत को ‘वेदर-रेडी और क्लाइमेट-स्मार्ट’ राष्ट्र बनाना है। मिशन मौसम के तहत उच्च-रेजोल्यूशन वायुमंडलीय प्रेक्षण, अगली पीढ़ी के रडार, सैटेलाइट और हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटरों को लगाया जाएगा। यह मौसम और जलवायु प्रक्रियाओं की समझ को बेहतर बनाने पर भी ध्यान केंद्रित करेगा और वायु गुणवत्ता संबंधी आंकड़े उपलब्ध कराएगा, जिससे दीर्घावधि में मौसम प्रबंधन की रणनीति बनाने में मदद मिलेगी।
इस मिशन को सितंबर 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया था। दो वर्षों में 2,000 करोड़ रुपये के परिव्यय वाले इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का क्रियान्वयन मुख्य रूप से भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान और राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र द्वारा किया जाएगा।
मिशन मौसम से कृषि, आपदा प्रबंधन, रक्षा, पर्यावरण, विमानन, जल संसाधन, बिजली, पर्यटन, शिपिंग, परिवहन, ऊर्जा और स्वास्थ्य जैसे कई क्षेत्रों को सीधे लाभ होगा। साथ ही, इससे शहरी नियोजन, सड़क और रेल परिवहन और पर्यावरण निगरानी जैसे क्षेत्रों में डेटा आधारित निर्णय लेने की प्रक्रिया में भी वृद्धि होगी।