पीएम मोदी ने पुणे में जगतगुरु श्रीसंत तुकाराम महाराज मंदिर का किया उद्घाटन

Update: 2022-06-14 09:04 GMT

महाराष्ट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुणे में जगतगुरु श्रीसंत तुकाराम महाराज मंदिर का उद्घाटन किया।

संत तुकाराम का जन्म पुणे जिले के देहू गांव में 1598 में हुआ. हालांकि इनके जन्म की तरीख और साल को लेकर इतिहासकारों में मतभेद रहा है. इनके पिता का नाम बोल्होबा और माता का नाम कनकाई था. बहुत कम उम्र में ही पिता का देहांत हो गया. कहा जाता है कि इनकी पहली पत्नी की मौत के बाद इनकी दूसरी शादी समृद्ध परिवार की जीजाबाई नाम की महिला से गई. दूसरी पत्नी के कारण होने वाली पारिवारिक कलह के कारण संत तुकाराम नारायणी नदी के उत्तर में स्थित मानतीर्थ पर्वत पर गए और भजन करना शुरू कर दिया.

इस दौरान ही उन्होंने खास तरह की भक्ति कविता 'अभंग' की रचना की. लोगों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा. वर्तमान में इनके द्वारा गाए गए 4600 से अधिक अभंग आज भी मौजूद हैं. महाराष्ट्र के लोग इन्हें पूजते हैं, खासकर वारकरी समुदाय के लोग. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक समय संत तुकाराम लगातार 13 दिनों तक एक चट्टान के टुकड़े पर बैठे थे. तब उन्होंने अपने द्वारा लिखे गए अभ्यंगों की प्रामाणिकता को चुनौती दी थी। वो चट्टान यहीं हैं. जिसे मंदिर का रूप दिया गया. जगतगुरु संत तुकाराम महाराज संस्थान देहु के अध्यक्ष नितिन महाराज मोरे का कहना है, चुनौती देने से पहले ही संत ने अपना सब कुछ इंद्रायणी नदी में विसर्जित कर दिया था. 13 दिनों के बाद वही चीजें चमत्कारिक रूप से फिर दिखाई दीं जिससे उनकी प्रामाणिकता साबित हुई। मोरे ने कहा, जिस चट्टान पर संत तुकाराम महाराज 13 दिनों तक बैठे थे, वह पवित्र है और वारकरी संप्रदाय के लिए तीर्थस्थल है।

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