Solan. सोलन। जिला सोलन प्लास्टिक कचरे के निस्तारण में नया उदाहरण पेश करने के लिए तैयार है। जिला के सभी छह विकास खंड – सोलन, धर्मपुर, कंडाघाट, कुनिहार, नालागढ़ और पट्टा महलोग में 16-16 लाख रुपए की लागत से प्लास्टिक कचरा प्रबंधन संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से निकलने वाले प्लास्टिक कचरे का स्थायी समाधान इन संयंत्रों के माध्यम से किया जाएगा। यह पहल सोलन जिला को प्लास्टिक मुक्त बनाने और स्वच्छता व्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। बड़ोग पंचायत में सोलन जिला का पहला प्लास्टिक कचरा प्रबंधन संयंत्र तैयार हो चुका है और इसमें दो महीने से कार्य जारी है। कुनिहार और कंडाघाट विकास खंडों में शेड का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि धर्मपुर में शेड निर्माण का काम प्रगति पर है। नालागढ़ और पट्टा महलोग ब्लाक में शेड निर्माण के लिए भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया चल रही है।
गौरतलब रहे कि सोलन जिला की तकरीबन 240 पंचायतों में से केवल 65 पंचायतें ही नियमित स्वच्छता अभियान चला रही थीं। अब हर विकास खंड में संयंत्र स्थापित होने के बाद पंचायतें कचरा प्रबंधन के लिए अधिक सक्षम होंगी। यूजर चार्ज के माध्यम से सफाई कर्मियों और अन्य आवश्यक कार्यों के लिए धनराशि एकत्रित की जा सकेगी। डीआरडीए सोलन के परियोजना अधिकारी रमेश शर्मा ने बताया कि यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहायक होगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था को भी मजबूत बनाएगी। जल्द ही सभी संयंत्र कार्यशील हो जाएंगे। इन संयंत्रों के माध्यम से प्लास्टिक कचरे का पुन: उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे पर्यावरण पर इसका नकारात्मक प्रभाव कम होगा। इसके अलावा पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए यूजर चार्ज का उपयोग सफाई कर्मियों की नियुक्ति और अन्य स्वच्छता संबंधित गतिविधियों में किया जाएगा। यह पहल पर्यावरणीय स्थिरता के साथ-साथ ग्रामीण विकास में योगदान देने का एक प्रभावी प्रयास है।