शराब घोटाले की जांच पूर्व मुख्यमंत्री के रिश्तेदार और करीबी तक पहुंच सकती है!
झीरम घाटी कांड की जांच की मांग हो सकती है
Raipur. रायपुर। शराब घोटाले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की गिरफ्तारी के बाद अब ED की जांच में और तेज़ी आने की संभावना है आगे कई बड़े नेताओं और अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। जो ED के रडार पर है आज कवासी लखमा अपने वकील और ऑडिटर के साथ पेश नहीं हुए थे। और झीरम घाटी की भी जांच में तेज़ी आ सकती है। सूत्रों के मुताबिक शराब घोटाले मामलें में पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी और रिश्तेदार निशाने पर है और इन सभी लोगों के नाम चर्चा में है। ED को शराब घोटाले के संबंध में सारी जानकारी है, ED सुजीत चंद्राकर, पप्पू बंसल, सुरेश पटाखा, मनीष बंछोर, निर्मल कोसरे इन सभी नामों के प्रकरण में संलिप्तता की जांच कर रही है और सच्चाई पता कर रही है। केंद्रीय जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि 7 दिन रिमांड में कई महत्वपूर्ण जानकारी घोटाले के संबंध में दे सकते है और की बड़े नामों का उजागर करेंगें।
घोटाले में अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी, अनिल टुटेजा सहित 11 आरोपी जेल में है जिनके बयानों के आधार पर ही ED इस जांच को आगे बढाकर यहां तक पहुंची है। हो सकता है कि जांच के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी और रिश्तेदार भी ED के रडार में आ जाए। कवासी लखमा ने दो-तीन दिन पहले पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा है कि मैं गरीब आदमी हूं, और अनपढ़ हूं अधिकारियों ने जहां कहा मैंने वह हस्ताक्षर कर दिया, मैं अगर फसा तो मैं सभी के नाम का खुलासा करूँगा जो मेरी जानकारी में आएगा और मैंने यही बयान ED को भी दिया था। ऐसा अनौपचारिकता की बातचीत में कवासी लखमा ने पत्रकारों से कहा था। गौरतलब है कि कवासी लखमा का झीरम घाटी काण्ड में भी नक्सलियों से मिले होने की लगातार बातें सामने आती रही और विपक्षी नेता आरोप लगाते रहे हो सकता है कि शराब घोटाले मामलें के साथ-साथ झीरम घाटी कांड मामलें की भी जांच कर सकती है। कवासी लखमा की गिरफ्तारी के बाद उनके कट्टर समर्थक समूह ने कल बस्तर के सुकमा बंद करने का ऐलान किया है।