जलमग्न हुए पटना के घाट, गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर

Update: 2021-08-10 17:13 GMT

बिहार में गंगा नदी लगभग हर जगह खतरे के निशान को पार कर गई है. गंगा का पानी बक्सर से कटिहार तक, हर जगह खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. बिहार के बक्सर, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर और कटिहार जिले के साथ ही राजधानी पटना में भी गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर जा चुका है जिससे इन शहरों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.

पटना में गंगा नदी का जलस्तर पिछले 4 दिनों में तेजी से बढ़ा है जिससे शहर पर बाढ़ का खतरा गहराने लगा है. बक्सर में गंगा नदी खतरे के निशान से 31 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है वही पटना के दीघा इलाके में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 41 सेंटीमीटर ऊपर था. पटना के गांधी घाट पर गंगा नदी खतरे के निशान से 98 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है जबकि हाथीदह में पानी खतरे के निशान से 88 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है.
मरीन ड्राइव के निर्माण का काम भी बाधित
उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में हो रही बारिश की वजह से गंगा नदी पूरे उफान पर है जिसके कारण पटना में लगभग सभी घाट पूरी तरीके से जलमग्न हो गए हैं. पटना के शहरी इलाकों में भी हालात खराब हो रहे हैं. आज तक की टीम मंगलवार को शहर के महावीर घाट पर पहुंची जहां सड़क पर गंगा का पानी भर गया है. इस इलाके में सड़क पर गंगा का पानी भर जाने के कारण मरीन ड्राइव के निर्माण का काम भी बाधित हो गया है.
क्या कहते हैं महावीर घाट के लोग
महावीर घाट इलाके के निवासी अशोक कुमार का कहना है कि पिछले एक हफ्ते से गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ते जा रहा है और आसपास के सभी इलाके पूरी तरीके से जलमग्न हो गए हैं. अशोक ने कहा कि भद्र घाट से लेकर कंगन घाट तक, सभी घाट पूरी तरीके से जलमग्न हो चुके हैं. सड़क पर पानी भर गया है. उन्होंने कहा कि इलाके के लोगों को बाढ़ के कारण काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
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