SAARC Summit में भारत को बुलाने को लेकर बेचैन हुआ Pakistan, लेकिन क्या है Modi सरकार का रुख

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के भारत को सार्क सम्मेलन के न्यौते की बात दोहराने पर केंद्र की मोदी सरकार ने सधा हुआ रुख अख्तियार किया है.

Update: 2022-01-04 06:28 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के भारत को सार्क सम्मेलन के न्यौते की बात दोहराने पर केंद्र की मोदी सरकार ने सधा हुआ रुख अख्तियार किया है. एबीपी न्यूज से भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान के रुख ने ही सार्क सम्मेलन में रोड़ा अटका रखा है, ना कि भारत ने.

हालांकि भारत सरकार के सूत्रों ने सधी हुई प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत पाकिस्तानी विदेश मंत्री की ओर से सार्क सम्मेलन के न्यौते को दोहराने पर सोच समझ कर ही फैसला करेगा. सूत्रों ने कहा कि अभी तो केवल पाकिस्तान ने अपना न्योता दोहराया है, कोई औपचारिक ऐलान या तारीख नहीं बताई है और ना ही कोई औपचारिक न्योता भेजा है. लिहाज़ा जब न्योता आएगा तब उस पर सोच-समझ कर फैसला होगा.
हालांकि सूत्रों के मुताबिक भारत के लिए सार्क में अफगानिस्तान के प्रतिनिधित्व का मसला भी काफी अहम रहेगा क्योंकि अभी तक किसी ने भी अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है और ऐसे में भारत की चिंता हो सकती है कि पाकिस्तान OIC बैठक की तरह सार्क में भी तालिबानी प्रतिनिधि को बुलाकर तालिबान का समर्थन करने की कोशिश कर सकता है.
उरी में हुए हमले के बाद से भारत ने सार्क सम्मेलन का बहिष्कार कर दिया था. आखिरी सार्क शिखर सम्मेलन 2014 में काठमांडू में हुआ था. हाल में भारत और पाकिस्तान के बीच धार्मिक मामलों में रिश्तों में कुछ बेहतरी देखी गई है. जहां एक तरफ करतारपुर कॉरिडोर को खोला गया वहीं दूसरी तरफ दोनों देश एक दूसरे के यहां धार्मिक श्रद्धालुओं को आने जाने के लिए लगातार वीज़ा भी दे रहे हैं. भारत और पाकिस्तान, अफगानिस्तान को भारत से पाकिस्तान के रास्ते 50000 MT गेहूं की सहायता भेजने पर भी सकारात्मक रुख के साथ लगातार संपर्क में हैं.
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