कोरोना से हाइड्रोजन ऊर्जा वैज्ञानिक पद्मश्री ओ एन श्रीवास्तव का निधन
हाइड्रोजन ऊर्जा और नैनो साइंस के विशेषज्ञ पद्मश्री प्रफेसर ओ एन श्रीवास्तव का कोरोना से निधन हो गया।
देश के जाने माने हाइड्रोजन ऊर्जा और नैनो साइंस के विशेषज्ञ पद्मश्री प्रफेसर ओ एन श्रीवास्तव (Padmashri ON Srivastava) का कोरोना से निधन हो गया। BHU के कोविड अस्पताल में शनिवार की सुबह इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। प्रफेसर श्रीवास्तव के मौत के पूरे राजकीय सम्मान के साथ हरिश्चंद्र घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ।
जानकारी के मुताबिक, प्रफेसर ओ एन श्रीवास्तव 20 अप्रैल को कोरोना संक्रमित हुए थे। कोरोना की पुष्टि के बाद ही उन्हें BHU के कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया। शनिवार की सुबह अचानक उनकी तबियत बिगड़ी जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन कुछ समय बाद ही उन्होंने दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। प्रफेसर श्रीवास्तव के मौत के खबर के बाद ही देशभर के हाइड्रोजन और नैनो साइंस के वैज्ञानिकों में शोक की लहर दौड़ पड़ी।
2016 में मिला था पद्मश्री सम्मान
बीएचयू के भूभौतिकी विज्ञान में प्रफेसर ओ एन श्रीवास्तव प्रफेसर के पद तैनात थे। 2016 में उन्हें दिवंगत राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पद्मश्री सम्मान से नवाजा था। प्रफेसर ओ एन श्रीवास्तव बीएचयू में देश का पहला हाइड्रोजन सेंटर बनाया था। उनके बनाई हाइड्रोजन कार पर दिवंगत राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम भी सवारी कर चुके हैं।
हाइड्रोजन अनुसंधान को लेकर हुए समझौत में था अहम योगदान
दो महीने पहले ही हाइड्रोजन अनुसंधान के लिए बीएचयू और हाइड्रो पावर कारपोरेशन के बीच समझौते में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान था। इस समझौते के तहत पायलट प्रॉजेक्ट के रूप में हाइड्रोजन से ऑटो रिक्शा चलाने पर कार्य शुरू किया जारी था।