अनुमति मिली: बाघ को देखते ही गोली मारने का आदेश, सामने आई ये वजह

खौफ का माहौल।

Update: 2022-10-07 12:26 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक | DEMO PIC 

बगहा: बिहार (Bihar) के पश्चिमी चंपारण में बसे बगहा (Bagaha) में शुक्रवार को बाघ ने एक और युवक को अपना शिकार बनाया लिया. घटना के बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने बड़ा फैसला लेते हुए आदमखोर बाघ को जान से मारने की अनुमति दे दी है.
इस बाघ ने बीते छह महीने में आठ लोगों पर हमला किया है. इनमें से सात की मौत हो चुकी है, जबकि एक व्यक्ति आजीवन के लिए लाचार हो गया है. बाघ ने बीते दो दिनों में दो लोगों को पर हमला किया है. आदमखोर बाघ का खौफ लोगों के दिल में घर कर गया है. वे अपने घरों से बाहर निकलने में कतरा रहे हैं. 
बीते 25 दिनों से बगहा के जंगलों में बाघ की तलाश में वन विभाग की टीम जुटी हुई है. टीम में बिहार वन विभाग के सीनियर अधिकारियों सहित दूसरे एक्सपर्ट भी शामिल हैं. उनका कहना है कि बाघ किसी दूसरे बाघ की टेरेटरी में आ गया है. इसके कारण वो जंगल में नहीं जा पा रहा है. गांवों के आस-पास घूमता रहता है और लोगों को अपना शिकार बना रहा है.
बता दें कि, आज यानि शुक्रवार सुबह गोबर्धना थाना क्षेत्र के डुमरी में 35 वर्षीय संजय महतो को बाघ ने अपना शिकार बना लिया. हरहिया सरेह में बाघ ने संजय पर हमले किया, जिसमें उसकी मौत हो गई. गुरुवार को भी बाघ ने 12 साल की बगड़ी कुमारी पर हमला किया था. हमले के दौरान वो अपने घर में सो रही थी.
अब लोगों के सब्र का बांध टूट गया है. बाघ के हमले के चलते ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया. आक्रोशित लोगों ने वन क्षेत्र कार्यालय पर धावा बोल कर पथराव किया था. सरकारी वाहनों में भी तोड़फोड़ की. उन्होंने मांग में की है कि या तो वन विभाग बाघ को पकड़े या फिर उसे मार गिराए. यदि वो ऐसा नहीं कर सकता हैं, तो हमें बाघ को मारने की अनुमति दें.
यह भी बता दें कि जिन जगहों पर बाघ लोगों पर हमला कर रहा है, वह पूरा इलाका आदिवासी उरांव और थारू जनजाति बाहुल्य क्षेत्र है. इनका जीवन यापन मुख्यरूप से जंगल पर ही निर्भर है. जंगल में लोगों का आना-जाना रोज का है. इस दौरान बाघ घात लगाकर लोगों को अपना शिकार बना लेता है.
Tags:    

Similar News

-->