Mayor के आग्रह पर साईं इटरनल फाउंडेशन ने की नि:शुल्क मरम्मत

Update: 2024-08-13 11:19 GMT
Shimla. शिमला। 123 साल पहले ब्रिटिश शासनकाल में शिमला शहर को पानी देने के लिए तैयार की गई सियोग पेयजल परियोजना को फिर से नया जीवन दिया गया है। सियोग स्कीम का पुराना टैंक लीकेज के कारण पानी स्टोर नहीं कर पाता था, इसलिए इस ग्रेविटी की स्कीम से बहुत कम पानी मिल रहा था। छह महीने पहले शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने यहां का दौरा किया और उसके बाद साईं इटरनल फाउंडेशन से इसके बारे में मदद मांगी। फाउंडेशन ने नि:शुल्क रूप से चैरिटी के तहत इस टैंक की नए सिरे से मरम्मत की और इस स्कीम को 19 पुराने चश्मों के साथ जोड़ा। अब इस टैंक में 10 मिलियन लीटर पानी स्टोर किया जा सकता है। काम पूरा होने के बाद मेयर सुरेंद्र चौहान ने अब सहयोग योजना का दौरा किया और अब तक हुए कम पर खुशी जताई। सियोग पेयजल परियोजना को ढली टैंक से भी जोड़ दिया गया है। इस पेयजल परियोजना से निरंतर पानी की सप्लाई भी ढली टैंक तक
पहुंचाई जा रही है।

यहां से जो रनिंग वॉटर आ रहा उसकी सप्लाई शहरवासियों को रोजाना दी जा रही है, लेकिन 9 एमएलडी पानी इसमें अलग स्टोर है। बरसात के दिनों 35 हजार से ज्यादा लोगों को इस पेयजल परियोजना का लाभ मिल रहा है। मेयर नगर निगम शिमला सुरेंद्र चौहान ने बताया कि 123 साल पुरानी सियोग पेयजल परियोजना को अब दुरूस्त कर दिया है। हमने 6 महीने पहले इसका दौरा किया था, जिस समय सियोग टैंक की हालत खराब थी। इसे ठीक करने का कार्य साईं फांउडेशन को दिया था और खुशी की बात है कि अब इस टैंक को भर दिया है। इस टैंक में 9 एमएलएस पानी स्टोर होता है। रनिंग वॉटर को भी हम इस्तेमाल कर रहे हैं। इसमें 9 एमएलडी पानी अगल है। इसके साथ गुम्मा और चुरट परियोजना का पानी भी ढली टैंक में लिफ्ट किया जा रहा है। जिससे ढली में 10 एमएलडी पानी पानी एकत्र होगा। वहीं, अब 9 एमएलडी पानी सियोग, 10 एमएलडी ढली और 7 एमएलडी पानी पीटरहॉफ में एकत्र होगा। पीटरहॉफ टैंक का कार्य किया जा रहा है जो जल्द पूरा हो जाएगा।
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