Hospice. धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन एक ऐतिहासिक शुरुआत हुई है। सत्र के तीसरे दिन शुक्रवार को पहली बार हिमाचल विधानसभा के इतिहास में शून्यकाल की शुरुआत हुई। सुबह 11 बजे से 12 बजे तक प्रश्नकाल के बाद सदन में आधे घंटे के लिए लोकसभा और राज्यसभा की तर्ज पर शून्य काल संपन्न हुआ। इस दौरान सात विधायकों ने अपने अपने क्षेत्रों की समस्याओं को उठाया। शून्यकाल की इस कड़ी में सबसे पहले लाहौल स्पिति की विधायक अनुराधा राणा ने सबसे पहला सवाल उठाया। इसके बाद विधायक जनक राज, केवल सिंह पठानिया, सुख राम चौधरी, संजय रत्न, त्रिलोक जंबाल और हरदीप सिंह बाबा ने सदन में प्रश्न उठाए।
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि लोकसभा की तर्ज पर ही हिमाचल विधानसभा में भी शून्यकाल की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि शून्यकाल शुरू होने से विधायकों को प्रश्नकाल के अलावा भी आधे घंटे के लिए अपने क्षेत्रों की समस्या उठाने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए सदस्यों को सत्र शुरू होने से डेढ़ घंटा पूर्व इसकी सूचना देनी होगी। पहले 10 सदस्यों को इस दौरान प्राथमिकता दी जाएगी। संबंधित मंत्री अगर इसका जवाब देना चाहता है तो दे सकते हैं अन्यथा उन्हें बाद में भी सूचना उपलब्ध करवाई जाएगी। उधर, इस बीच नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल ने भी हिमाचल विधानसभा में पहली बार शून्यकाल शुरू होने पर विधानसभा अध्यक्ष को बधाई दी।