नई दिल्ली: यमुना नदी का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। इसलिए यमुना पर बने पुराने लोहे के ब्रिज को मंगलवार को अस्थायी रूप से ट्रैफिक के लिए बंद कर दिया गया। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ट्वीट किया, "यमुना नदी में पानी के खतरनाक स्तर के कारण लोहे का ब्रिज पुस्ता रोड गांधी नगर को अगले आदेश तक सार्वजनिक/यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे तदनुसार अपनी यात्रा की योजना बनाएं।"
दिल्ली हाई अलर्ट पर है क्योंकि यमुना नदी में जलस्तर 206.24 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से ऊपर है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) द्वारा यह जल स्तर दर्ज किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, नदी का खतरे का निशान 205.33 मीटर पर है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा था कि उनकी सरकार केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के साथ लगातार संपर्क में है और उनके आकलन के अनुसार, यमुना नदी का वर्तमान स्तर 203.58 मीटर (सोमवार को) था।
सीएम केजरीवाल ने कहा था कि विशेषज्ञों के मुताबिक, बाढ़ जैसे हालात नहीं होंगे। हालांकि, अगर ऐसा होता है तो हम तैयार हैं। यदि जल स्तर 206 मीटर तक बढ़ जाता है, तो हम निकासी शुरू कर देंगे। हमने यमुना नदी के किनारे के आसपास के इलाकों में रहने वाले 41,000 लोगों की पहचान की है और हमने उनके लिए राहत शिविर स्थापित किए हैं।
गौरतलब है कि 1978 में जब हथिनी कुंड बैराज से 7 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, तब दिल्ली में बाढ़ आ गई थी। जिससे पुराने पुल पर यमुना नदी का स्तर 207.49 मीटर को पार कर गया था।
2013 में हथिनी कुंड बैराज से 8 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था और यमुना नदी का स्तर 207.32 मिमी तक पहुंच गया था, लेकिन इससे बाढ़ नहीं आई थी। वहीं साल 2019 में हथिनी कुंड बैराज से 8.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, और नदी का स्तर 206.6 मिमी तक पहुंच गया था, फिर भी बाढ़ नहीं आई थी।