नीतीश कैबिनेट का फैसला: डिफॉल्टर वाहनों के टैक्स पर जुर्माना माफ, सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति की मृत्यु पर भी मुआवजा
कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन एवं प्रतिबंधों के आलोक में टैक्स डिफॉल्टर वाहनों को राज्य सरकार ने बड़ी राहत दी है।
कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन एवं प्रतिबंधों के आलोक में टैक्स डिफॉल्टर वाहनों को राज्य सरकार ने बड़ी राहत दी है। अगले छह महीने तक अगर टैक्स डिफॉल्टर वाहन मालिक एकमुश्त टैक्स जमा करते हैं तो उन्हें कोई अर्थदंड और ब्याज नहीं देना होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इसकी मंजूरी दी गई। कैबिनेट में कुल 19 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई।
इस फैसले से किसी भी तरह के वाहन मालिकों को यह छूट मिलेगी। बिहार राज्य में निबंधित वाहन (इलेक्ट्रिक समेत) को बकाया पथकर-हरित कर जमा करने पर यह छूट मिलेगी। इसी प्रकार अनिबंधित वाहनों (उत्सर्जन मानक पीएस-4 को छोड़कर) को एकमुश्त पथकर जमा करने और वाहन व्यावसायियों द्वारा बकाये व्यापारकर तथा अस्थायी निबंधन की फीस को जमा करने पर यह छूट मिलेगी। इस संबंध में परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि टैक्स डिफॉल्टर को 200 प्रतिशत तक अर्थदंड लगता है। साथ ही सर्टिफिकेट केस होने पर 12 प्रतिशत ब्याज भी लगता है। मगर अगले छह माह तक एकमुश्त टैक्स जमा करने पर वाहन मालिकों को उक्त छूट मिलेगी।
सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति की मृत्यु पर भी मुआवजा
सड़क दुर्घटना में अब एक व्यक्ति की भी मृत्यु होती अथवा स्थायी अपंगता होती है तो उनके परिजन को मुआवजा राज्य सरकार देगी। कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी है। मृत्यु पर पांच लाख तथा स्थायी अपंगता पर ढाई लाख मिलेंगे। 15 सितंबर, 2021 के बाद की सड़क दुर्घटना पर यह नियम लागू होगा। परिवहन विभाग द्वारा यह मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए 50 करोड़ राशि का भी प्रबंध कर दिया गया है। अभी राज्य में एक से अधिक व्यक्ति की मृत्यु पर अनुग्रह अनुदान आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा देने का प्रावधान है।
पुराने वाहनों का निबंधन रद्द करने पर राहत
15 वर्षों से अधिक पुराने वाहनों को कोई मालिक नष्ट कराना चाहते हैं तो उन्हें अर्थदंड में राहत देने के प्रावधान को अगले एक साल तक के लिए बढ़ा दिया गया है। कैबिनेट ने इसकी भी मंजूरी दे दी है। 30 जून, 2021 तक इस योजना के तहत छूट मिलेगी। नॉमिनल शुल्क लेकर निबंधन को रद्द कर दिया जाएगा।
ढाई लाख आय वालों को भी छात्रवृत्ति
पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी दी है, जिसके तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 से अन्य पिछड़ा वर्ग प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना में ढाई लाख तक की आय वाले परिवार वालों को शामिल किया जाएगा। अब तक डेढ़ तक की आय वाले परिवार को इस योजना का लाभ मिलता था।