केंद्रीय मंत्री तोमर के साथ निहंग बाबा की फोटो वायरल, कांग्रेस ने अपनाया आक्रामक रुख

Update: 2021-10-20 06:49 GMT

नई दिल्ली: सोनीपत कुंडली बॉर्डर पर युवक की नृशंस हत्या की जिम्मेदारी लेने के बाद निहंग अब एक और विवाद में घिर गए हैं। निहंग बाबा अमन सिंह की केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ फोटो वायरल हुई है, जिससे सोशल मीडिया पर हड़कंप मच गया है। फोटो में केंद्रीय कृषि मंत्री उन्हें सरोपा भेंट कर स्वागत करते दिख रहे हैं। अमन सिंह निहंग जत्थेदारों में शामिल हैं। एसकेएम ने फोटो पर सवाल उठाते हुए बेअदबी मामले में साजिश की आशंका जताई है। वहीं, बाबा अमनदीप का कहना है कि वह वर्ष 2015 से अब तक हो रही बेअदबी के मामलों में भाजपा नेताओं से मिले थे। मिलने से पहले 8 बार वह पत्र लिख चुके थे। उनके साथ आठ निहंग बाबा भी केंद्रीय मंत्री से मिले थे।

कुंडली बॉर्डर पर 15 अक्तूबर को तड़के तरनतारन के लखबीर पर गुरु ग्रंथ की बेअदबी का आरोप लगाते हुए उसकी बर्बरता से हत्या कर दी गई थी। हत्या की जिम्मेदारी निहंगों ने ली थी। इसके बाद से निहंग लगातार निशाने पर हैं। यहां तक कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने निहंगों के कृत्य को गलत बताते हुए, उन्हें किसान आंदोलन से अलग करार दिया था। वहीं, शुरुआत से बेअदबी के मामले में भी जांच करने की मांग किसान मोर्चा कर रहा है।


इधर, मंगलवार को अचानक केंद्रीय कृषि मंत्री के साथ बाबा अमन सिंह के वायरल हुए फोटो से सोशल मीडिया पर बवाल मच गया। कहा जा रहा है कि पूरी साजिश के तहत कुंडली बॉर्डर की घटना को अंजाम दिया गया है। बाबा अमन सिंह ने इस मामले में पहले समय मांगा था, लेकिन मंगलवार देर शाम उन्होंने कहा कि वह बेअदबी के मामले में केंद्रीय मंत्री से मिले थे।
निहंग बाबा अमन सिंह ने कहा कि उनकी संगत की तरफ से 8 पत्र राष्ट्रपति, राज्यपाल, कृषि मंत्री व अन्य मंत्रियों को लिखें हैं। जिनमें बेअदबी के मामलों में जवाब मांगा गया था। उनके पत्र पर ही सरकार की ओर से उन्हें बुलाया गया था, लेकिन वहां पहुंचने के बाद उन्हें कुछ और ही कहा गया। भाजपा नेताओं ने पहले अपनी शर्तें रखी, जिन्हें मानने से हमने इनकार कर दिया। वह अकेले नहीं गए थे, बल्कि 8 निहंग बाबा उनके साथ गए थे। उन्होंने यह भी कहा कि वह केंद्र की सरकार से जवाब मांग रहे हैं। वह राष्ट्रपति से लेकर राज्यपाल तक से मिल चुके हैं, लेकिन हल नहीं हुआ। हमारा मतलब धर्म की रक्षा से है।
एसकेएम ने कहा कि उन्होंने पहले ही आशंका जताई थी कि बेअदबी के मामले में साजिश का शक है, लेकिन अब शक गहरा गया है। एसकेएम समन्वय समिति के सदस्य डॉ. दर्शनपाल ने कहा कि इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए। सरकार को स्वतंत्र एजेंसियों से जांच करवानी चाहिए, ताकि पूरा मामला साफ हो जाए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री और कृषि राज्य मंत्री द्वारा निहंग सिख समूह के नेता से जुलाई में मुलाकात की गई थी। यह निहंग सिख नेता उसी जत्थेबंदी से हैं जिसके सदस्यों पर 15 अक्तूबर को लखबीर की हत्या का आरोप लगा है। संयुक्त किसान मोर्चा एक बार फिर दोहराता है कि कुंडली बॉर्डर की घटना भाजपा और उसकी सरकारों द्वारा महसूस किए जा रहे लखीमपुर खीरी नरसंहार के दबाव से ध्यान भटकाने की साजिश में डूबी हुई प्रतीत होती है। इसकी तत्काल और गहराई से जांच की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म और आस्था की बेअदबी अस्वीकार्य है और इसकी निंदा की जानी चाहिए।
किसान नेता डॉ. दर्शनपाल ने कहा कि 21 अक्तूबर को किसान मोर्चा की कुंडली बॉर्डर पर बड़ी बैठक होने वाली है, जिसमें कई अहम फैसले लिए जाएंगे। उनके आंदोलन को दिल्ली की सीमाओं पर 26 अक्तूबर को 11 माह हो रहे हैं। निहंग मामले में बड़ी साजिश की बात सामने आ रही है। मृतक युवक की बहन का एक बयान आया था कि वह नशा करता था और कभी भी अपने गांव के पड़ोसी कस्बे में भी नहीं गया, लेकिन वह अचानक कुंडली बॉर्डर पर कैसे पहुंच गया। उससे पहले वह किसी से बात कर रहा था और अपनी बहन से कहा था कि उसके अब किसी बड़े आदमी के साथ संबंध हो गए हैं। इस घटना के पीछे कोई बड़ी साजिश है। इस साजिश में लखबीर सिंह बलि का बकरा बन गया। पूरे मामले की जांच किसी एजेंसी को सौंपनी चाहिए।
निहंग सिख की केंद्रीय कृषि मंत्री के साथ फोटो वायरल होने के मामले में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा है कि परतें उठ रही हैं, पर्दा खुल रहा है। कौन असल में पर्दे के पीछे किसके साथ खड़ा है, कौन किसानों के खिलाफ षड्यंत्र रच रहा है। इधर, भाजपा नेता राजीव जैन ने इसका जवाब देते हुए कहा कि बाबा अमन सिंह के मामले मे कांग्रेस दुष्प्रचार पर उतर आई है। किसी नेता या मंत्री से मिलने का मतलब यह नहीं कि उससे संबंध हैं। मंत्री और बाबा का फोटो काफी पुरानी है। यह कुंडली बॉर्डर पर हुई हत्या से न तो कुछ समय पहले की है और न ही हत्या के बाद की है। कांग्रेस की राजनीति दुष्प्रचार पर ही टिकी है।


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