Shimla. शिमला। हिमाचल में किसी भी विभाग में कैबिनेट की मंजूरी के बिना कोई नई भर्ती नहीं होगी। सार्वजनिक उपक्रमों यानी राज्य सरकार के बोर्ड और निगम में नई गाडिय़ों की खरीद पर रोक रहेगी। राज्य सरकार गैर उत्पादक खर्च कम करेगी और अपनी एफिशिएंसी को बढ़ाएगी। हिमाचल में अफसरों के पदों को कम करने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। रिसोर्स मोबलाइजेशन कमेटी की पहली बैठक में इन बिंदुओं पर सहमति बन गई है। मंगलवार को राज्य सचिवालय में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में यह बैठक हुई, जिसमें उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान, कृषि मंत्री चंद्र कुमार और टीसीपी मंत्री राजेश धर्माणी शामिल थे। बैठक के बाद राजेश धर्माणी ने मीडिया के साथ भी साझा किया। उन्होंने कहा कि कमेटी के सामने रखे गए आंकड़ों से पता चलता है।
2006 से 2022 के बीच हिमाचल में राजपत्रित पद 62 फीसदी बढ़े हैं। इससे हिमाचल में गवर्नेंस का पिरामिड फार्मूला रिवर्स हो गया है। कई विभागों में अफसर ज्यादा हैं और कर्मचारी कम। इस कारण राज्य सरकार युक्तिकरण की प्रक्रिया शुरू करेगी। पोस्ट क्रिएशन की व्यवस्था को भी बदला जाएगा। इसीलिए अगली बैठक में मुख्य सचिव और फाइनांस सेक्रेटरी को भी बुलाया गया है। राजेश धर्माणी ने कहा कि वर्तमान में राज्य में प्रति व्यक्ति लोन 1,16,180 रुपए है। यह देश में अरुणाचल के बाद दूसरी सबसे खराब स्थिति है। राजेश धर्माणी ने कहा कि जिस तरह बिजली बोर्ड में विद्युत सबसिडी को राज्य के संपन्न वर्ग के लिए खत्म किया गया, वैसे ही फैसला अन्य विभागों में भी सबसिडी को लेकर हो सकता है, लेकिन इससे पहले उस विभाग से बैठक की जाएगी और स्टेक होल्डर से भी चर्चा होगी। राज्य सरकार गरीबों पर कोई असर नहीं आने देगी, लेकिन जो भुगतान कर सकता है, उसे भुगतान करना चाहिए। राज्य सरकार की सेवाओं को लेकर भी सेस या टैक्स लगाने को लेकर फैसला हो सकता है।