नक्सलियों ने किसान आंदोलन का किया समर्थन, माओवादियों ने खुलेआम जारी की पर्चा
छत्तीसगढ़ में बीजापुर के तर्रेम में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के दो दिन बाद नक्सलियों ने एक पर्चा जारी किया है।
छत्तीसगढ़ में बीजापुर के तर्रेम में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के दो दिन बाद नक्सलियों ने एक पर्चा जारी किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ से रवाना होने के ठीक बाद जारी किए गए पर्चे में उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों को चुनौती दी है। पर्चे की सबसे खास बात यह है कि इसमें देश में चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन किया गया है और इसके लिए 26 अप्रैल को भारत बंद का ऐलान किया गया है।
माकपा (माओवादी) के प्रवक्ता अभय के हस्ताक्षर से जारी पर्चे में कहा गया है कि सरकारी तंत्र किसान आंदोलन का दमन कर रहा है। माओवादी इसका विरोध करते हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि संगठन की केंद्रीय कमेटी ने 26 अप्रैल को भारत बंद का आह्वान किया है और जनता से इसके समर्थन की अपील भी की है।
किसानों से लेकर देश में चल रहे तमाम जनसंघर्षों को ऊंचा उठाते हुए, सरकार के दमन का खंडन करते हुए, हमारी पार्टी के केंद्रीय कमेटी उसके जवाब में अप्रैल माह में प्रतिरोध संघर्ष संचालित करते हुए 26 अप्रैल को भारत बंद सफल करने का आह्वान किए थे। सरकार कोरोना महामारी से जनता की रक्षा करने में नाकाम हुई जनता को बचाने की न सोचते हुए, माओवादी का भूत खड़ा कर रही है, चुनाव पर ध्यान दे रही है।
नक्सलियों के पर्चे का एक अंश
पर्चे में लिखा है कि सरकार आम जनता को कोरोना महामारी से बचाने की बजाय उन्हें माओवादियों का डर दिखा रही है। कोरोना से बचाव के जगह सरकार को चुनाव की ज्यादा चिंता है। इसे सरकार का सत्ता प्रेम बताते हुए पर्चे में इसका प्रतिरोध करने की बात कही गई है।
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पर्चे में केंद्र की बीजेपी सरकार को भगवा आतंकवादी बताते हुए नक्सलियों ने कहा है कि सरकार अपने न्यायपूर्ण हकों के लिए लड़ने वाली जनता को आतंकवादी कहती है और माओवादियों को भी उसी श्रेणी में रखती है। पर्चे में यह भी लिखा है कि सरकार माओवादियों के अस्तित्व को मिटाने के लिए वर्षों से इस तरह का दुष्प्रचार कर रही है।