रांची (आईएएनएस)| झारखंड के सिमडेगा जिले में पीएलएफआई (पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया) के नक्सलियों ने बुधवार की देर रात रेलवे के कंस्ट्रक्शन साइट पर हमला कर उत्पात मचाया है। नक्सलियों ने ओड़गा नामक जगह पर निर्माण कार्य करा रही कंपनी के जेसीबी, पोकलेन मशीन और पानी टैंकर में आग लगा दी। उन्होंने पर्चा छोड़कर चेतावनी दी है कि पीएलएफआई की इजाजत के बगैर पूरे इलाके में कन्स्ट्रक्शन का कोई काम नहीं किया जा सकता। बताया गया कि सिमडेगा के ओड़गा रेलवे स्टेशन के पास रेल लाइन दोहरीकरण का काम चल रहा है। बिहार की टिनॉटिया नामक कंपनी ठेके का आधार पर यह काम कर रही है। देर रात नक्सलियों का हथियारबंद दस्ता यहां पहुंचा और वाहनों में आग लगा दी। मौके पर नक्सलियों ने जो पर्चा छोड़ा है, उसमें पीएलएफआई के स्टेट इंचार्ज राजेश गोप का नाम लिखा है। गुरुवार सुबह वारदात की जानकारी मिलने पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस का कहना है कि नक्सलियों की तलाश में छापामारी की जा रही है।
बीते रविवार को लातेहार जिले के चंदवा में रेलवे की साइट पर टीपीसी (तृतीय प्रस्तुति कमेटी) नामक नक्सली संगठन के हथियारबंद दस्ते ने हमला कर उत्पात मचाया था। नक्सलियों ने यहां काम कर रहे सभी कर्मियों को एक जगह इकट्ठा किया और काम बंद करने को कहा। उन्होंने कुछ कर्मियों के साथ मारपीट भी की। उन्होंने कहा कि हमारे संगठन के लीडर पिंटू जी से इजाजत लिए बगैर इस इलाके में कोई काम नहीं कर सकता।
इसके पहले बीते नवंबर महीने में रामगढ़ जिले के बरकाकाना में रेलवे के क्वार्टर निर्माण साइट पर अपराधियों के एक गिरोह ने हमला बोला था, जिसमें कुछ कर्मी जख्मी हुए थे। अक्टूबर महीने में महुआमिलान के पास रेलवे के लिए निर्माण कार्य करा रही केईसी नामक कंपनी के साइट पर नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी, जिसमें तीन कर्मचारी गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे।
बता दें कि पिछले तीन महीनों के दौरान राज्य के अलग-अलग इलाकों में रेलवे के कन्स्ट्रक्शन साइट पर आधा दर्जन से ज्यादा हमले हुए हैं। इन हमलों के पीछे नक्सली और संगठित आपराधिक गिरोह हैं। रेलवे विकास निगम लिमिटेड रांची के मुख्य परियोजना प्रबंधक विशाल आनंद ने हमलों की लगातार हो रही घटनाओं पर राज्य सरकार के गृह विभाग को हाल में पत्र लिखकर सुरक्षा की गुहार लगाई है। उन्होंने पत्र में ऐसी कुछ घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा है कि इस वजह से रेलवे की कई परियोजनाएं बाधित हो रही हैं।