ATS के सामने मुर्तजा अब्बासी ने किए कही खुलासे, सुरक्षाकर्मियों की राइफल छीनने के लिए किया था हमला

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Update: 2022-04-06 16:14 GMT

गोरखनाथ मंदिर के सुरक्षाकर्मियों पर हमले के आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी ने लखनऊ एटीएस मुख्यालय पहुंचकर राज उगलना शुरू कर दिया है. यूपी एटीएस ने अहमद मुर्तजा के कॉल डिटेल को सामने रखकर रविवार के घटनाक्रम को पूछा है. इस मामले की विवेचना यूपी एटीएस को ट्रांसफर कर दी गई है. लिहाजा एटीएस के अफसर पूछताछ के साथ-साथ केस डायरी में भी मुर्तजा के बयान को दर्ज कर रहे हैं.

अहमद मुर्तजा अब्बासी को बुधवार सुबह तकरीबन 10:00 बजे एटीएस के मुख्यालय लाया गया. एटीएस मुख्यालय पहुंचने पर खाने-पीने के बारे में पूछा गया तो अहमद मुर्तजा ने चाय मंगवाई और एटीएस कैंटीन से उसके लिए दाल-चावल मंगवा कर दिए गए. करीब 2 घंटे बाद एटीएस के 4 अफसरों की टीम ने मुर्तजा से पूछताछ शुरू की.
थोड़ा परेशान दिखा अहमद मुर्तजा
गोरखपुर में हुई शुरुआती पूछताछ की अपेक्षा लखनऊ में अहमद मुर्तजा थोड़ा परेशान दिखा, क्योंकि गोरखपुर में हुई पूछताछ में तो अहमद अपने आप को मानसिक बीमार बताने की भी कोशिश कर रहा था. लेकिन लखनऊ में हो रही पूछताछ की वीडियो रिकॉर्डिंग की जा रही थी. लिहाजा उसे भी अंदाजा था कि उसके बोले हर शब्द और हर हरकत को अब कानूनी रूप दिया जाएगा.
घर पर दो लोग जानकारी लेने पहुंचे थे
पहले दिन की पूछताछ रविवार को हुई घटना पर केंद्रित रही. इस दौरान अहमद मुर्तजा ने कहा कि शनिवार (2 अप्रैल) को जब दो लोग उसके बारे में जानकारी लेने के लिए चाचा अहमद अब्बासी के नर्सिंग होम पहुंचे थे, तब वह घर पर ही था. लेकिन जैसे ही उसे जानकारी मिली कि दो लोग उसके बारे में जानकारी ले रहे हैं, 36 लाख के लोन की बात कर रहे हैं तो उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो कौन लोग हैं और कौन-से लोन पर कोर्ट का समन लेकर आए हैं?
घबरा गया था अब्बासी
उन दो लोगों के वापस चले जाने के बाद अब्बासी नर्सिंग होम के सीसीटीवी फुटेज में उनकी तस्वीरें देखी गईं. कद-काठी देखकर आशंका जताई गई पूछताछ करने वाले लोग पुलिस बल के लोग हो सकते हैं. इसके चलते अब्बासी घबरा गया. आनन-फानन में उसने अपने अब्बू का बैग उठाया और उसमें अपना लैपटॉप रखा और मां को बोला, ''पता नहीं क्यों पुलिस मुझे तलाश रही है, इसलिए मैं जा रहा हूं.'' मां ने भी बेटे की घबराहट को देखकर यह नहीं पूछा कि आखिर वह पुलिस से इतना डर क्यों रहा है? और उसने कुछ रुपए भी अब्बासी को दे दिए.
इंडो-नेपाल बॉर्डर से खरीदे हथियार
घर से निकलकर अहमद मुर्तजा अब्बासी देर रात सिद्धार्थनगर के नौगढ़ पहुंचा. रात उसने नौगढ़ रेलवे स्टेशन के पास एक मस्जिद में गुजारी. सुबह उसी मस्जिद में नमाज पढ़ी और फिर वहां से नेपाल चला गया. इंडो-नेपाल बॉर्डर पर ही उसमें स्थानीय दुकान से 2 बांके और चाकू खरीदे थे. रविवार पूरा दिन सिद्धार्थनगर में गुजारने के बाद दोपहर बाद वह वापस बस से गोरखपुर पहुंचा. इसके बाद सीधे अब्बासी गोरखनाथ मंदिर पहुंचा और मंदिर के गेट पर ही पीएसी के जवान अनिल पासवान और गोविंद गौड़ पर हमला बोल दिया.
अचानक हमला किया या पहले से प्लान रचाया था?
एटीएस के अफसरों ने सवाल किया कि गोरखनाथ मंदिर पर हमला अचानक प्लान किया था या पहले से प्लान रचाया था? इस पर अहमद अब्बासी ने साफ कहा, शनिवार को जो लोग उसकी पूछताछ करने आए थे, उनके पुलिस से होने की आशंका के चलते उसे गुस्सा आ गया था. यानी वह समझ गया था कि पुलिस को शायद उसके इरादों की भनक लग गई है और अब वह पकड़ लेगी.
'इस्लाम के पीछे पड़ी है दुनिया'
दरअसल, अब तक की जांच में साफ हो चुका है कि इंटरनेट के जरिए आतंक का पाठ पढ़ रहा अब्बासी खुद को अल्लाह की राह में कुर्बान करने वाला बंदा समझने लगा था. उसको लगता था कि दुनिया इस्लाम के पीछे पड़ी है और इस्लाम की दुश्मन हो गई है. ऐसे में अगर कुछ दुश्मनों को भी मार देगा तो अल्लाह का प्यारा बंदा हो जाएगा. इसीलिए अहमद मुर्तजा अब्बासी ने तय कर लिया था कि गोरखनाथ मंदिर में वह पहले सिपाहियों पर बांके से हमला करेगा.
'श्रद्धालुओं को निशाना बनाता'
पूछताछ में खुलासा हुआ कि PAC के जवानों की एसएलआर राइफल छीनकर वह मंदिर में आए श्रद्धालुओं को निशाना बनाने जा रहा था. उसे इस बात का भी अंदाजा था कि इस घटना को अंजाम देते वक्त वह पुलिस की गोलियों का शिकार हो जाएगा, लेकिन वह इसे अपने काम के लिए शहादत मान रहा था.
राइफल चलाना कैसे सीखा?
अफसरों ने पूछा कि क्या वह एसएलआर राइफल चलाना जानता है? तो उसने कहा कि घर पर रखी एयर गन से उसने खूब निशाना लगाना सीखा है, लेकिन राइफल को लोड-अनलोड करना इंटरनेट पर ही सीखा है, कभी प्रैक्टिकल नहीं किया है. फिलहाल अहमद मुर्तजा अब्बासी से हो रही पूछताछ में अभी कुछ और राज़ भी सामने आना बाकी है.
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