डॉक्टर रेप-मर्डर मामलें में CBI अधिकारी ने किया बड़ा खुलासा, देखें VIDEO...

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Update: 2024-08-25 15:16 GMT
Kolkata. कोलकाता। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर डॉक्टर से रेप-मर्डर के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच जारी है. वो लगातार छापेमारी भी कर रही है. मामले पर एक सीबीआई अधिकारी ने कहा कि कई ठोस सबूत मिले हैं. दरअसल, न्यूज एजेंसी एएनआई ने सीबीआई अधिकारियों से पूछा गया कि क्या उन्हें कुछ ठोस सबूत मिले हैं? इस पर सीबीआई अधिकारी ने कहा, "बहुत कुछ मिला है." आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ कथित रेप और हत्या मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय का ‘‘पॉलीग्राफ टेस्ट’’ कोलकाता की प्रेसीडेंसी जेल में किया जा रहा है जहां वह बंद है. इस दौरान सीबीआई अधिकारियों ने रविवार (25 अगस्त) को बताया कि कोलकाता में सीबीआई कार्यालय में दो ओर लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया जाएगा. उन्होंने बताया कि शनिवार (24 अगस्त) को मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष समेत 4 लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया गया था। ‘पॉलीग्राफ टेस्ट’ के दौरान व्यक्ति के प्रश्‍नों के उत्तर दिए जाते समय एक मशीन की मदद से उसकी शारीरिक प्रतिक्रियाओं को मापा जाता है।


जिससे यह पता लगाया जाता है कि वह सच बोल रहा है या झूठ. सीबीआई ने आरोपी संजय रॉय और पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष समेत 7 लोगों का ‘लाई डिटेक्टर टेस्ट’ कराने के लिए कोर्ट से अनुमति ली है. इस टेस्ट को मुकदमे के दौरान सबूत के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, लेकिन इसके नतीजे एजेंसी को आगे की जांच में एक दिशा देंगे. सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली की केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) से ‘पॉलीग्राफ’ एक्सपर्ट की एक टीम जांच करने के लिए कोलकाता पहुंची है. बता दें कि, कोलकाता पुलिस ने मेडिकल कॉलेज के सेमीनार हॉल में 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर का शव मिलने के एक दिन बाद 10 अगस्त को आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया था। वहां पर पुलिस को सीसीटीवी फुटेज और डॉक्टर के शव के पास एक ब्लूटूथ डिवाइस मिलने के बाद रॉय की गिरफ्तारी की गयी थी. जिसे कॉलेज के सेमीनार हॉल में प्रवेश करते हुए कथित तौर पर देखा गया जहां सुबह करीब 4 बजे शव मिला था. बताया जा रहा है कि आरोपी संजय रॉय (33) 2019 से नागरिक स्वयंसेवक के रूप में कोलकाता पुलिस के साथ काम कर रहा था. प्रोफेशनल बॉक्सर संजय रॉय ने पिछले कुछ सालों में कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से कथित तौर पर करीबी बना ली थी, जिसके बाद उसे कोलकाता पुलिस कल्याण बोर्ड में शामिल किया गया. इसके बाद आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की पुलिस चौकी में तैनात कर दिया गया था।
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