BIG BREAKING: महाराष्ट्र सरकार ने लागू की केंद्र सरकार की स्कीम

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Update: 2024-08-25 15:46 GMT
Maharashtra. महाराष्ट्र। केंद्र सरकार की ओर से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) की घोषणा के एक दिन बाद ही महाराष्ट्र सरकार ने रविवार को राज्य कर्मचारियों के लिए भी इस योजना को मंजूरी दे दी है. केंद्र की इस योजना को अपने राज्य में लागू करने वाला महाराष्ट्र पहला राज्य बन गया है. रविवार को महाराष्ट्र कैबिनेट ने इस स्कीम को मंजूरी दी. ऐसे में अब अब राज्य में न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) की जगह यूपीएस लागू होने का रास्ता साफ हो गया है. दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत लगभग 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा. अगर राज्‍य सरकारें इस स्‍कीम को लागू करती हैं, तो भी इसका लाभ दिया जाएगा. केंद्र सरकार ने इस योजना की घोषणा के वक्त कहा था कि राज्य सरकारें भी इसे लागू कर सकती है. यूनिफाइड पेंशन योजना या UPS को सरकारी कर्मचारियों को निश्चित पेंशन और फैमिली पेंशन की गारंटी देकर बेहतर वित्तीय सुरक्षा पेश करने के लिए तैयार किया गया है. इसके अलावा, जैसे-जैसे महंगाई बढ़ेगी, वैसे ही इस योजना के तहत पेंशन में बढ़ोतरी का भी प्रावधान है।


दरअसल, केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए नई योजना, यूनिफाइड पेंशन स्‍कीम (UPS) का ऐलान किया है. यह पेंशन योजना सरकारी कर्मचारियों के लिए 1 अप्रैल 2025 से लागू की जाएगी. सरकार इस योजना के तहत कर्मचारियों (Govt Employees) को एश्‍योर्ड पेंशन देगी. यह योजना कर्मचारी के मौत के बाद फैमिली को भी पेंशन देगी. साथ ही इसके तहत मिनिमम एश्‍योर्ड पेंशन भी दिया जाएगा. 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को UPS का लाभ मिलेगा, जिसके तहत कर्मचारी के 12 महीने की एवरेज बेसिक सैलरी का 50 फीसदी हिस्‍सा रिटायरमेंट के बाद आजीवन दिया जाएगा. हालांकि कर्मचारियों को कम से कम 25 साल तक सेवा देनी होगी. समय-समय पर इस पेंशन में महंगाई राहत (DR) भी जोड़ा जाएगा. फैमिली पेंशन की बात करें तो कर्मचारी के मौत के बाद फैमिली में से किसी एक योग्‍य सदस्‍य को कर्मचारी के पेंशन का 60 फीसदी हिस्‍सा दिया जाएगा. वहीं अगर किसी कर्मचारी ने सिर्फ 10 साल या उससे अधिक तक सर्विस की है तो उसे कम से कम पेंशन 10 हजार रुपये दिया जाएगा. यूनिफाइड पेंशन स्‍कीम (UPS) के तहत ग्रेच्‍युटी के अलावा रिटायरमेंट पर एकमुश्‍त राशि भी दी जाएगी. इसका कैलकुलेशन कर्मचारियों के हर 6 महीने की सेवा पर मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 10वें हिस्‍से के तौर पर किया जाएगा. इसमें ग्रेच्‍युटी की अमाउंट ओपीएस की तुलना में कम हो सकती है।
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