इसके साथ ही चंपई सोरेन सरकार में मंत्रियों की संख्या 11 हो गई है। शपथ लेने वालों में कांग्रेस के डॉ. रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता एवं बादल और झामुमो के मिथिलेश ठाकुर, बसंत सोरेन, दीपक बिरुआ, मो. हफीजुल हसन और बेबी देवी शामिल हैं।
इसके पहले 3 फरवरी को सीएम चंपई सोरेन के साथ कांग्रेस के आलमगीर आलम और राजद के सत्यानंद भोक्ता ने मंत्री पद की शपथ ली थी। पूर्व के हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में शामिल रहीं जोबा मांझी को इस बार जगह नहीं मिल पाई है।
इस बार कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के चेहरे में बदलाव की चर्चा थी, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने पुराने चेहरों को ही रिपीट किया है। इससे पार्टी के बाकी विधायकों की नाराजगी खुलकर सामने आ गई है। शुक्रवार को कांग्रेस के दस नाराज विधायकों ने सर्किट हाउस में बैठक कर अपनी नाराजगी का इजहार किया। वे पार्टी के तीनों पुराने मंत्रियों को हटाने की मांग कर रहे थे।
उन्होंने मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में जाने से इनकार कर दिया था, लेकिन बाद में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने उन्हें मनाकर समारोह में आने को राजी कराया। उन्हें कहा गया है कि उनकी मुलाकात कांग्रेस आलाकमान से कराई जाएगी। नाराज विधायकों में अंबा प्रसाद, इरफान अंसारी, रामेश्वर उरांव, रामचंद्र सिंह, भूषण बाड़ा, अनूप सिंह समेत अन्य शामिल हैं।
झारखंड में अधिकतम 12 मंत्री हो सकते हैं। शुक्रवार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मंत्रियों की संख्या 11 हो गई है। यानी 12वें मंत्री का बर्थ खाली रखा गया है। हेमंत सोरेन की सरकार में भी 11 मंत्री ही थे।