शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसूनी बारिश फिर से कहर बरपा रही है और लोगों को राहत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। बारिश और भूस्खलन के चलते विभिन्न हिस्सों में यातायात प्रभावित है और सड़कों पर यात्रा खतरनाक हो गई है। भूस्खलन के चलते राज्य के सिरमौर जिला में एक राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 150 सड़कें बंद हो गई हैं। लगातार हो रही वर्षा से 334 बिजली ट्रांसफार्मरों और 55 पानी की स्कीमों के ठप पड़ जाने से विद्युत और पेयजल आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। कांगड़ा जिला के मुख्यालय धर्मशाला में 214 मिलीमीटर वर्षा हुई है, जो इस सीजन में भारी वर्षा का रिकार्ड है। इसके अतिरिक्त पालमपुर में 212, जोगिन्दरनगर में 169, कांगड़ा में 157, बैजनाथ में 142, जोत में 95, नगरोटा सुरिया में 90, सुजनापुर में 72, धौलाकुंआ में 70, घमरूर में 68, नादौन में 63 और बरठीं में 58 मिलीमीटर वर्षा हुई है।
मौसम विभाग ने अगले छह दिन वर्षा, अंधड़ व बिजली गिरने का ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है। हालांकि इस अवधि के दौरान अति भारी बारिश होने की आशंका नहीं है। मौसम विभाग ने खराब मौसम के मददेनजर लोगों खासतौर पर सैलानियों को सचेत रहने को कहा है। सैलानियों व आम जनता को भूस्खलन संभावित इलाकों और नदी-नालों के समीप न जाने की हिदायत दी गई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार शनिवार सुबह तक राज्य भर में एक नेशनल हाइवे और 150 सड़कें बंद हैं। सिरमौर में एनएच-707 पर वाहनों की आवाजाही ठप है। एनएच प्राधिकरण ने जल्द हाइवे को बहाल करने का दावा किया है। मंडी जिला में सबसे ज्यादा 111 सड़कें बंद हैं। सिरमौर में 13, शिमला में नौ, कुल्लू व चंबा में आठ-आठ और कांगड़ा जिला में एक सड़क अवरुद्ध हुई है। भूस्खलन से सर्वाधिक प्रभावित मंडी जिला की बात करें तो धर्मपुर में 25, थलौट में 22, पद्धर व सिराज में 14-14, जोगिन्दरनगर में 10, सरकाघाट में नौ, करसोग में पांच, गोहर व मंडी में तीन-तीन और नेरचौक में एक सड़क बाधित है। रिपोर्ट के अनुसार व्यापक वर्षा से 334 ट्रांसफार्मरों के खराब होने से बिजली गुल है। अकेले मंडी जिला में 259 ट्रांसफार्मर बंद हैं। चम्बा जिला में 58 और ऊना के अम्ब में 19 ट्रांसफार्मरों के खराब होने से लोगों को बिजली किल्लत से जूझना पड़ रहा है। इसके अलावा भारी वर्षा शिमला में 33 और बिलासपुर में 22 पेयजल स्कीमें भी ठप पड़ी हैं। शिमला जिला के ठियोग में 18 और कुमारसेन में 13 पेयजल स्कीमें सिल्ट की मात्रा बढ़ने से बंद हैं।