शिमला। हिमाचल में बेसाहरा पशुओं के लिए मॉडल गौसदन का निर्माण होगा। इसके तहत पहले किसी एक जिला में पायलट आधार पर मॉडल गौसदन का निर्माण किया जाएगा, जिसके बाद अन्य जिलों में यह प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को सदन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि मॉडल गौसदन का निर्माण ठंडे, गर्म और मरु स्थल क्षेत्रों को ध्यान में रखकर किया जाएगा। इससे पहले सदन में नियम-130 के तहत विधायक दविंद्र कुमार भुट्टो, इंद्र दत्त लखनपाल, संजय रतन और होशियार सिंह की तरफ से एक प्रस्ताव पेश किया गया, जिस पर हुई चर्चा का जवाब कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार द्वारा दिया गया। इसके उपरांत मुख्यमंत्री ने कहा कि गौसदन के निर्माण पर 38 से 40 करोड़ रु पए खर्च हो चुके हैं, लेकिन समस्या जस की तस है। उन्होंने सड़कों पर पशुओं को बेसहारा छोडऩे पर ङ्क्षचता जाहिर की।
इससे पहले चर्चा का जवाब देते हुए कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि पशुओं की गणना किए जाने के दौरान उनमें चिप लगाई जाएगी। इसमें पशु मालिक का नाम, ब्लॉक और कोड नंबर लगेगा। ऐसे में जो भी पशुओं को सड़कों पर छोड़ेगा, उनके पास पशुओं को वापस पहुंचा दिया जाएगा। साथ में जुर्माना और कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि बेसहारा पशु प्रदेश नहीं देश भर में समस्या बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बनी गऊशालाओं की स्थिति ठीक नहीं है। कई स्थानों पर पशुधन मर रहा है। चारा व पानी तक नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जो किसान और बागवान पशुओं को पाल रहे हैं, उनकी तरफ ध्यान देने की आवश्यकता है।
विधायक दविंद्र कुमार भुट्टो ने नियम-130 के तहत सदन में प्रदेेश के अंतर्गत गऊशाला एवं गौ सैंक्चुरी निर्माण को लेकर नीति बनाने का मामला उठाया। इस दौरान उन्होंने गऊशाला निर्माण में हुई धांधली के साथ ही बकरी घोटाले का उल्लेख किया। विधायक आशीष ने सुझाव दिया कि जहां गौ सैंक्चुरी का निर्माण हुआ है, वहां पशुओं के चारे वाले पेड़ लगाए जाएं। विधायक संजय रतन ने कहा कि जो लोग पशुओं को सड़कों पर छोड़ रहे हैं, उन पर जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान होना चाहिए। विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने कहा कि जो गऊशालाएं बनी हैं, उनमें सुविधाओं का अभाव है। डा. जनक राज ने कहा कि जो पुश सड़कों पर घूम रहे हैं, उनके गले में रेडियम कॉलर लगाए जाने चाहिएं, ताकि रात के अंधेरे में सड़क हादसों से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसे पुश जिनके कान में टैग हंै और सड़कों पर घूम रहे हैं, उनकी पहचान कर वापस पालक को देने चाहिए। इसके साथ ही विधायक डी.एस. ठाकुर, विनोद कुमार और चैन्तय शर्मा ने भी चर्चा में भाग लिया।