Hardoi. हरदोई। विधानसभा में धरने पर बैठीं अपना दल (कमेरावादी) की विधायक पल्लवी पटेल को मनाने के लिए संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना देर रात पहुंचे। उनके काफी समझाने और मनाने के बाद पल्लवी पटेल ने अपना धरना समाप्त कर दिया है। इससे पहले पुलिस ने भी उन्हें हटाने का प्रयास किया था। वह करीब नौ घंटे तक विधानसभा में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के समक्ष धरने पर बैठी रहीं। दरअसल, सोमवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान पल्लवी पटेल ने सरकार पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया। में जब अध्यक्ष द्वारा उन्हें बोलने से रोका गया तो विधानसभा परिसर में स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के समक्ष धरने पर बैठ गयी और कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाने लगीं। दरअसल उन्होंने प्राविधिक शिक्षा विभाग में हुए कथित घोटालों पर सरकार से जवाबदेही की मांग की है और कहा कि पिछड़े वर्गों के भविष्य के साथ सौदेबाजी न की जाए। पल्लवी पटेल ने कहा कि प्राविधिक शिक्षा विभाग में हर साल 50 करोड़ से अधिक का अतिरिक्त भार पड़ा है। विधानसभा
उन्होंने कहा कि जब चोर पकड़ा जाता है, तब चोरी पकड़े जाने के बाद विधवा विलाप होता है। उनका दावा है कि प्रोमोशन के लिए प्रति व्यक्ति 25 लाख रुपए तक की रिश्वत भी ली गई है। इन आरोपों को प्रमाणित करने के लिए उन्होंने कहा कि मैं सभी साक्ष्य सदन के पटल पर रखूंगी। सोमवार को जब विधानसभा सदन का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ तो विपक्षी दल के तमाम नेता हंगामा करने लगे, इस दौरान अध्यक्ष सतीश महाना ने उन्हें समझाने की कोशिश की। इस बीच पल्लवी पटेल को बोलने का मौका मिला तो उन्होंने सरकार पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया, लेकिन हंगामे की वजह से वो अपनी पूरी बात नहीं कह सकीं। हंगामे को देखते हुए सदन को दोपहर 12:20 बजे तक स्थगित कर दिया गया, जब सदन दोबारा शुरू हुआ तो उन्हें बोलने का मौका मिला, लेकिन अध्यक्ष सतीश महाना ने नियमों का हवाला देते हुए उन्हें बोलने से रोक दिया। इस पर भी पल्लवी पटेल नहीं रुकी तो स्पीकर ने कहा कि मुझे आपको सदन से बाहर जाने के लिए कहना पड़ेगा। मैं आपको अनुमति नहीं दे रहा हूं। आप बैठ जाइए। जिसके बाद वो विधानसभा परिसर में स्थित चौधरी चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास अकेले ही धरने पर बैठ गईं।
पल्लवी पटेल सिराथू से विधायक हैं। उनका कहना है कि वर्तमान बीजेपी सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। उन्होंने कहा कि प्राविधिक शिक्षा विभाग में विभागाध्यक्ष पदों पर नियुक्ति में धांधली हुई है। वर्तमान सेवा नियमावली को ताक पर रखकर पुरानी नियमावली के आधार पर भर्ती की गई और पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों का हक मारकर रिश्वत लेकर प्रमोशन कर दिया गया। बता दें कि प्राविधक शिक्षा विभाग का मंत्रालय आशीष पटेल के पास है। उनकी पत्नी केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने पहले ही योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रहा है। वहीं, आशीष पटेल ने इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अगर जरूरत समझें तो इन आरोपों की सीबीआई जांच करा ले। उनका आरोप है कि यह उनको राजनीतिक तौर पर खत्म करने की साजिश है और सबको पता है कि ये सब कौन कर रहा है, अभी तो उनके ऊपर और भी ऐसे आरोप लगाए जाएंगे। इस तरह के गलत आरोपों से वह डरने वाले नहीं हैं।