एक महत्वपूर्ण विकास में आयुष मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के बीच एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान को बढ़ावा देने और सहयोग करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह सहयोग आधुनिक वैज्ञानिक विधियों का उपयोग करके साक्ष्य उत्पन्न करने के लिए उच्च प्रभाव अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य सेवा में राष्ट्रीय महत्व के चिन्हित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह समझौता ज्ञापन आयुष शोधकर्ताओं के प्रशिक्षण के माध्यम से अनुसंधान क्षमता को भी मजबूत करेगा।
समझौता ज्ञापन पर वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव, आयुष मंत्रालय और डॉ. राजीव बहल, महानिदेशक, ICMR और सचिव, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा हस्ताक्षर किए गए।
सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय आयुष और बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री, डॉ. मनसुख मंडाविया, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री और डॉ. भारती प्रवीण पवार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री, डॉ. वी के पॉल, सदस्य, नीति आयोग, राजेश भूषण, सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, पी.के. पाठक, विशेष सचिव, आयुष मंत्रालय के साथ दोनों मंत्रालयों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी हस्ताक्षर समारोह के दौरान उपस्थित थे।
इस अवसर पर सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मानव जाति के लाभ के लिए पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा दोनों के लाभों को एकीकृत करने के लिए हमारा मार्गदर्शन किया है। आईसीएमआर के सहयोग से आज आयुष और स्वास्थ्य मंत्रालय दोनों ने इस दिशा में एक बहुत दूरगामी कदम उठाया है।”
उन्होंने कहा कि हमारी पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के सामने वैज्ञानिक साक्ष्य उत्पन्न करने की एक बड़ी चुनौती है। एकीकृत चिकित्सा में अनुसंधान सहयोग इस चुनौती का समाधान प्रदान करने और लोगों का विश्वास जीतने की दिशा में एक और कदम है। निकट सहयोग से बड़े पैमाने पर जनता लाभान्वित होगी।