व्यापारी ने दिया बेटी को तोहफा, 1000 किलो मछली और सब्जी... 50 चिकन, 10 बकरे भेजें...जाने कहां
आषाढ़ का महीना तेलुगु परंपरा के अनुसार एक पवित्र महीना है. तेलुगु परंपरा के अनुसार, नवविवाहित बेटी को ससुराल में रहकर अपने परिवार से उपहार मिलते हैं, माता-पिता अपनी बेटी को मिठाई और अन्य सामान के साथ उपहार और साड़ी भेजते हैं. आंध्र प्रदेश में नवविवाहित बेटी को एक पिता द्वारा दिया गया 'उपहार' शहर में चर्चा का विषय बन गया है.
राजमुंदरी के एक प्रमुख व्यवसायी ने अपनी बेटी के घर 1000 किलो मछली, 1000 किलो सब्जी, 250 किलो झींगा, 250 किलो किराना, 250 जार अचार, 250 किलो मिठाई, 50 चिकन, 10 बकरे भेजें. बेटी की शादी पुडुचेरी के यनम में हुई है. पिता ने अपनी बेटी को यह बड़ा तोहफा 'साड़ी' के नाम से भेजा है.
गौरतलब है कि यनम के एक प्रमुख व्यवसायी के बेटे पवन कुमार की हाल ही में राजमुंदरी के बतूला बलराम कृष्ण की बेटी प्रत्यूषा से शादी हुई थी.
जब यह जोड़ा आषाढ़ महीने में अपना पहला उत्सव मना रहा था तो पिता ने इसे भव्य बनाने का फैसला किया. प्रत्यूषा के ससुराल में जब ट्रक लोड गिफ्ट पहुंचा तो वे भी भव्यता से हैरान रह गए.
पूरे शहर में यह चर्चा का विषय बना हुआ है. बलराम कृष्ण ने अपनी बेटी के घर 1000 किलो मछली, 1000 किलो सब्जी, 250 किलो झींगा, 250 किलो किराना, 250 जार अचार, 250 किलो मिठाई, 50 चिकन, 10 बकरे भेजें.
लड़की के ससुराल में जश्न का माहौल है और दावत की तैयारी चल रही है. आमतौर पर हर तेलुगु परिवार अपनी हैसियत के अनुसार आषाढ़ महीने में बेटी के ससुराल में गिफ्ट भेजता है, लेकिन इस गिफ्ट की खूब चर्चा हो रही है.