महबूबा मुफ्ती पहुंचीं दिल्ली, पीएम मोदी के साथ करेंगे बैठक

महबूबा मुफ्ती पहुंचीं दिल्ली

Update: 2021-06-23 14:56 GMT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 24 जून को जम्मू-कश्मीर के सभी दलों के नेताओं के साथ होने वाली बैठक को लेकर आज पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती दिल्ली पहुंच गईं. इस मीटिंग को देखते हुए जम्मू-कश्मीर में 48 घंटों का हाई अलर्ट जारी किया गया है. साथ ही केंद्रशासित प्रदेश में हाई स्पीड इंटरनेट सेवा भी बंद रहने की संभावना है. पीडीपी जम्मू-कश्मीर में बनाए गए पीपल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (PAGD) गठबंधन का हिस्सा है, जिसने मंगलवार को मीटिंग कर प्रधानमंत्री के साथ सर्वदलीय बैठक में शामिल होने का फैसला लिया था.

5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने के बाद पहली बार ऐसी कोई बैठक बुलाई गई है, जिसमें प्रधानमंत्री कश्मीर के अलग-अलग राजनीतिक दलों से बात करने वाले हैं. केंद्र सरकार के साथ इस बैठक में 8 राजनीतिक दलों के 14 नेताओं को आमंत्रित किया गया है. अब तक ठोस रूप से यह बात सामने नहीं आई है कि मीटिंग का एजेंडा क्या होगा. हालांकि अलग-अलग रिपोर्टों में संभावना जताई गई है कि जम्मू-कश्मीर चुनाव, परिसीमन, पूर्ण राज्य का दर्जा जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हो सकती है.
प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक से पहले मंगलवार को पीडीपी प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा रद्द करने के 'अवैध' और 'असंवैधानिक' कदम को वापस लिए बिना क्षेत्र में शांति बहाल नहीं हो सकती. गुपकार गठबंधन की बैठक के बाद उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री के साथ बैठक के दौरान वह जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए जोर देंगी, जिसे "हमसे छीन लिया गया है."
"जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जी छीनना असंवैधानिक"
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद-370 के त​हत राज्य को मिले विशेष दर्जे के अधिकतर प्रावधानों को वापस लेते हुए, जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था. जिसके बाद 6 मार्च 2020 को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जज जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में नए परिसीमन आयोग का गठन किया था. संभावना है कि परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की सीटें बढ़ सकती हैं.
महबूबा मुफ्ती ने कहा, "गठबंधन का एजेंडा यह है कि जो कुछ हमसे छीन लिया गया है, हम उस पर यह बातचीत करेंगे. यह एक गलती थी, यह अवैध और असंवैधानिक था. हमारी पार्टी कभी भी केंद्र के साथ बातचीत के खिलाफ नहीं थी, बल्कि कोविड-19 के चलते देश के अन्य हिस्सों में कैदियों की रिहाई की तरह ही जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए कुछ विश्वास बहाली उपाय चाहती थी."
हम उनके सामने अपना एजेंडा रखेंगे- मुफ्ती
पीडीपी प्रमुख ने कहा था, "चाहे उनका (केंद्र सरकार) एजेंडा कुछ भी हो, हम उनके सामने अपना एजेंडा रखेंगे. हमें उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर के अंदर और बाहर रखे गए हमारे लोग रिहा कर दिए जाएंगे और जिन्हें रिहा नहीं भी किया गया तो उन्हें कम से कम जम्मू कश्मीर ले आया जाएगा. गरीबों को जम्मू कश्मीर के अंदर और बाहर रखे गए उनके परिजन से मिलने जाने के लिए रकम जुटानी पड़ती है."
गुरुवार को होने वाली बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन और मुजफ्फर बेग, गुपकार संगठन के प्रवक्ता और सीपीएम नेता एमवाई तारीगामी शामिल होंगे. इसके अलावा कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, गुलाम अहमद मीर, ताराचंद, बीजेपी के निर्मल सिंह, कविन्द्र गुप्ता और रविन्द्र रैना, पैंथर्स पार्टी के भीम सिंह, और जेके अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी को भी बैठक में आमंत्रित किया गया है.


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