प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ जिले में गत वर्षों से कृषि दवाइयां, खाद में भी मिलावटी की शिकायतें बढ़ती जा रही है। ऐसे में विभाग की ओर से नकली दवाइयां और खाद को लेकर विभाग सतर्क हो गया है। जिले में कृषि आदान की दुकानों पर सैंपलिंग की कार्रवाई की जा रही है। कृषि विभाग की ओर से इस वर्ष सीजन के शुरुआत से अब तक विभिन्न दवाइयों, बीज और उर्वरक के 76 नमूने लिए गए। लैब में जांच के लिए जयपुर भिजवाया गया है। जहां से रिपोर्ट का इंतजार है। गौरतलब है कि गत वर्षों से मिलावट की आशंका को देखते हुए कृषि विभाग के गुणवत्ता नियंत्रणअभियान चलाया गया है। इसके तहत गठित टीमों की ओर से कृषि आदान सामग्री खाद, बीज एवं दवाई की दुकानों का निरीक्षण किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान कृषि आदान विक्रेताओं को सख्त हिदायत दी जा रही है कि किसानों को गुणवत्तापूर्ण उर्वरक, बीज एवं दवाई उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। इसमें किसी भी दुकानदार द्वारा किसानों के साथ किसी प्रकार की गुणवत्ता विहीन सामग्री देने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कृषि विभाग की ओर से खरीफ सीजन में गत तीन माह में 76 नमूने लेने की कार्रवाई की है। जिसमें बीज के 47, दवाइयों के 8, उर्वरक के 21 नमूने लिए गए है। इसके साथ ही दुकानदारों को भी मापदंड के अनुसार आदान बेचने के लिए पाबंद किया गया है। विभाग की ओर से इस वर्ष खरीफ सीजन में कुल 76 नमूने लिए गए है। इन नमूनों को जांच के लिए लैब में भिजवाया गया है। इनकी रिपोर्ट का इंतजार है। इसका कारण यह है कि गत कुछ वर्षों से मिलावटी और नकली कृषि आदानों की आशंका बढ़ती जा रही है। इसको देखते हुए जिले में भी अभियान चलाया गया। इसके तहत गुण व नियंत्रण अभियान में जिले में 6 निरीक्षक लगाए गए थे। इसके साथ ही सभी दुकानदारों को सही आदान बेचने के लिए पाबंद किया गया है।
जिले में प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना से लाभान्वित कृषकों द्वारा ईकेवाईसी कराया जाना अति आवश्यक है। अतिरिक्त जिला कलक्टर दीपेंद्र राठौर ने बताया कि भारत सरकार से प्राप्त निर्देशानुसार कृषक अपनी ई.केवाईसी 30 सितंबर तक आवश्यक रूप से करा सकेंगे। इसके अभाव में उन्हें आगामी किश्तों का लाभ प्राप्त नहीं हो पाएगा। उनका खाता हमेशा के लिए बंद हो जाएगा। कृषक मोबाइल, जिन कृषकों का मोबाइल नं. आधार कार्ड में सही अपडेट नहीं है, वे कृषक सीएससी जाकर बायोमैट्रिक द्वारा, सहकारी समितियों पर जाकर, ई-मित्र पर, पीएम किसान जीओआई पोर्टल या संबंधित पटवारी से संपर्क कर ईकेवाईसी करा सकते है।