Masala processing इंडस्ट्री ने बदल दी तकदीर

Update: 2024-07-04 11:28 GMT
Bilaspur. बिलासपुर। मसाला प्रोसैसिंग इंडस्ट्री ने 28 वर्षीय शुभम स्याल की तकदीर बदलकर रख दी। घुमारवीं उपमंडल के तहत पपलाह गांव निवासी शुभम ने मसाला इंडस्ट्री की स्थापना के बाद 50 लाख का सालाना कारोबार होने का लक्ष्य तय किया है। अहम बात यह है कि शुद्ध एवं प्राकृतिक मसाले तैयार कर हिमाचल ही नहीं, बल्कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश इत्यादि राज्यों को भी भेजे जा रहे हैं। स्वरोजगार की राह पर निकले शुभम आज की नई युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं। शुभम ने शुद्ध एवं प्राकृतिक मसालों का प्रसंस्करण मसाला उद्योग न्यू रूट्स आर्गेनिक घुमारवीं विकासखंड के गांव पपलाह में शुरू किया है। इस उद्योग के संस्थापक शुभम स्याल ने प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत इसकी शुरुआत की। पच्चीस लाख रूपए की लागत के उद्योग के लिए सभी तय औपचारिकताएं की और अपना मसाला उद्योग खड़ा किया और दो से तीन महीने कार्य करते हुए हो चुके हैं। शुभमन ने इलाके के अन्य बेरोजगार
युवाओं के लिए भी रोजगार का माध्यम तैयार किया है।
संस्थापक का उददेश्य है कि इस उद्योग के माध्यम से सभी लोगों तक शुद्ध मसाले पहुंचे ताकि मसालों की सही गुणवत्ता लोगों को मिले। हॉर्टिकल्चर में मास्टर डिग्री प्राप्त शुभम स्याल ने बातचीत करते हुए बताया कि इनके मसाले जल्दी ही सभी जगह उपलब्ध होंगे तथा इनकी वेबसाइट से भी खरीद सकते हंै। वह उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में उद्याग विभाग की परंपरागत कृषि विकास योजना में बतौर जिला प्रभारी कार्यरत रहे और वहां पर तीन वर्ष तक कार्य किया। वहां पर उन्हें परंपरागत कृषि के बारे में काफी कुछ सीखने को भी मिला। तभी निर्णय लिया कि क्यों अपना ही कोई उद्योग शुरू कर स्वरोजगार की राह पकड़ी जाए। इसी निर्णय के साथ वापस घर लौटे और मसाला इंडस्ट्री स्थापित करने की योजना पर काम शुरू किया। उद्योग विभाग के माध्यम से संचालित प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना में आवेदन किया और मसाला इंडस्ट्री के लिए तमाम औपचारिकताएं पूरी की। सितंबर 2023 से मसाला इंडस्ट्री ने कार्य शुरू किया और आज हिमाचल के साथ साथ यूपी व उत्तराखंड इत्यादि राज्यों में मसालों की सप्लाई भेजी जा रही है।
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