गुजरात। अहमदाबाद में जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू हुई, यात्रा में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी भी यात्रा में शामिल हुए। जगन्नाथ रथ यात्रा उत्सव की शुरुआत 12वीं से 16वीं शताब्दी के बीच हुई थी। इसकी शुरुआत के बारे में कई कहानियां और मान्यताएं हैं। कुछ लोग कहते हैं कि यह भगवान कृष्ण की अपनी मां की जन्मभूमि की यात्रा को दर्शाता है। दूसरों का मानना है कि इसकी शुरुआत राजा इंद्रद्युम्न से हुई थी, जिन्होंने कथित तौर पर अनुष्ठान शुरू किए थे।
रथ यात्रा के दौरान एक खास किस्म की रस्म होती है, जिसे पहिंद विधि कहा जाता है। तीनों रथ के आगे सोने की विशेष झाडू से रथ के रास्ते को साफ करना (बुहारना) ही पाहिंद विधि कहलाता है। पहिंद विधि में भगवान जगन्नाथ के रथ के आगे सोने के झाड़ू से झाड़ू लगाया जाता है। इसके बाद ही रथ आगे बढ़ता है।
रथ यात्रा में शामिल 18,784 सुरक्षाकर्मियों में से 4,500 जवान जुलूस के साथ-साथ चल रहें है , जबकि 1,950 के यातायात प्रबंधन के लिए तैनात किया गया है। किसी भी आपात चिकित्सा स्थिति से निपटने के लिए पांच सरकारी अस्पतालों में 16 एंबुलेन्स तैयार है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नियंत्रण कक्ष से जुड़े 1,733 'बॉडी-वॉर्न कैमरा' का उपयोग करके रथ यात्रा पर कड़ी नजर रखी जा रही है। यात्रा के मार्ग पर 47 स्थानों पर 20 ड्रोन और 96 निगरानी कैमरे लगाए गए हैं।