मणिपुर हिंसाः अमित शाह ने की सीएम एन बीरेन सिंह के साथ समीक्षा, अतिरिक्त फोर्स भेजी गई
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नई दिल्ली। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और शीर्ष अधिकारियों के साथ मिलकर मणिपुर की स्थिति की समीक्षा की। सूत्रों ने बताया कि केन्द्र सरकार ने राज्य में शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल और दंगा-रोधी वाहन भेजे हैं। शाह मणिपुर की स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए हैं और राज्य तथा केन्द्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से पूरे दिन लगातार संपर्क में रहे। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए समीक्षा बैठक भी की। सूत्रों ने बताया कि शाह के साथ बैठक में मुख्यमंत्री, राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, केन्द्रीय गृह सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार से दूरी बनाकर राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद शाह मणिपुर की स्थिति के संबंध में सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों से लगातार जानकारी ले रहे हैं। राज्य में शुक्रवार को स्थिति कमोबेश नियंत्रण में रही। सूत्रों ने बताया कि केन्द्रीय अर्धसैनिक बल के करीब 1,000 और जवान दंगा-रोधी वाहनों के साथ शुक्रवार को मणिपुर पहुंच गए। उन्होंने बताया कि मणिपुर में संविधान के अनुच्छेद 355 (किसी राज्य में गंभीर किस्म की आंतरिक हिंसा और अशांति पर उस राज्य में कानून व्यवस्था सुधारने के लिए केंद्र सरकार को दखल देने का अधिकार) लागू नहीं किया गया है।
शाह ने बृहस्पतिवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए दो बैठक की, जिनमें मणिपुर के मुख्यमंत्री, राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस प्रमुख, केन्द्रीय गृह सचिव और केन्द्र सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। मणिपुर के हालात के मद्देनजर शाह ने नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा से बृहस्पतिवार को फोन पर बात की थी।
सूत्रों ने बताया कि इस बीच पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) स्तर के कम से कम पांच अधिकारी और सात वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्तर व पुलिस अधीक्षक स्तर के सीआरपीएफ के अधिकारियों को हिंसा प्रभावित मणिपुर में विभिन्न सुरक्षा बलों की तैनाती के बीच समन्वय का जिम्मा सौंपा गया है। केन्द्र सरकार ने घटना के बाद सीआरपीएफ और बीएसएफ सहित केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की और 20 कंपनियों को मणिपुर रवाना किया है। राज्य में सेना और असम राइफल्स के जवान भी मौजूद हैं।
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली और रांची से भी कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को रवाना किया गया है। राज्य की आबादी में 53 प्रतिशत हिस्सेदारी वाले गैर-आदिवासी मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के खिलाफ चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर' (एटीएसयूएम) द्वारा बुलाए गए ‘आदिवासी एकजुटता मार्च' के दौरान बुधवार को हिंसा भड़क गई थी।