मैंगलोर ब्लास्ट के आरोपी ने कोयंबटूर कार ब्लास्ट के आरोपी से मुलाकात की थी: केंद्रीय एजेंसियां

Update: 2022-11-22 09:40 GMT
चेन्नई (आईएएनएस)| मंगलुरु विस्फोट के आरोपी मोहम्मद शरीक और तमिलनाडु में अक्टूबर में हुए कार विस्फोट के आरोपी जमीशा मुबीन ने एक दूसरे से मुलाकात की थी। उसके संबंधों की जांच कर रही केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने ये जानकारी दी है। पुलिस को पता चला कि दोनों तमिलनाडु के सिरिंगानेल्लूर में सितंबर के महीने में मिले थे।
विशेष रूप से, मोहम्मद शरीक कोयंबटूर में एक छात्रावास में रहता था और उधगमंडलम के एक निजी स्कूल शिक्षक सुरेंद्रन की पहचान का इस्तेमाल कर एक सिम कार्ड खरीदा था। सुरेंद्रन पुलिस हिरासत में है।
एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि वह किन-किन लोगों से मिला था और क्या उसे सुरेंद्रन के अलावा कोयंबटूर और तमिलनाडु के अन्य इलाकों में सिम कार्ड हासिल करने में कोई मदद मिली थी।
यह पता लगाने के लिए भी जांच की जा रही है कि क्या 23 अक्टूबर को कोयंबटूर में दीपावली की पूर्व संध्या पर हुए कार विस्फोट में उसकी कोई भूमिका थी, जिसमें जमीशा मुबीन की जलकर मौत हो गई थी।
मृतक मुबीन के छह अन्य साथियों को यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया और कोयम्बटूर केंद्रीय कारागार में रखा गया।
बता दें, गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक मोहम्मद तलका है जो 14 फरवरी 1998 के कोयम्बटूर सीरियल धमाकों में शामिल इस्लामिक आतंकी संगठन अल उम्मा के संस्थापक एसए बाशा का भतीजा है, जिसमें 56 लोग मारे गए थे और 200 से अधिक गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
एनआईए और केंद्रीय एजेंसियों ने राज्य के कुछ हिस्सों में कुछ लोगों से पूछताछ की है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या मोहम्मद शरीक के लिए किसी सपोर्ट सिस्टम ने काम किया था। सितंबर 2022 में इस्लामवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगने के बाद, कोयम्बटूर सहित तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में इस्लामिक विचारधारा के प्रति निष्ठा रखने वाले कुछ छोटे संगठन सामने आए।
एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि क्या मोहम्मद शरीक ने जमीशा मुबीन के अलावा कोयंबटूर कार विस्फोट मामले के इन छह आरोपियों में से किसी से भी बातचीत की थी।
तमिलनाडु पुलिस ने मंगलुरु विस्फोटों के बाद चेन्नई, कोयम्बटूर, तिरुचि और मदुरै में कुछ लोगों को हिरासत में लिया है और यह देखने के लिए जांच चल रही है कि क्या इन लोगों ने मोहम्मद शरीक को कोई सहायता प्रदान की थी।
तमिलनाडु पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि जिन लोगों को पूछताछ के लिए ले जाया गया, वे पहले कुछ नापाक गतिविधियों में शामिल थे और प्रतिबंधित पीएफआई सहित कुछ इस्लामिक समूहों और आंदोलनों के प्रति निष्ठा दिखाई थी।
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