महाराष्ट्र : महिला अधिकारी खुदकुशी केस में बड़ी कार्रवाई, निलंबित IFS अधिकारी गिरफ्तार
अधिकारियों के आवास परिसर से धरनी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था
महाराष्ट्र (Maharashtra) में एक महिला वन अधिकारी की आत्महत्या के एक महीने बाद महाराष्ट्र पुलिस ने एक निलंबित भारतीय वन सेवा अधिकारी एम.एस. रेड्डी को गिरफ्तार कर लिया गया है. वो मेलघाट टाइगर रिजर्व (एमटीआर) के फील्ड निदेशक थे. महाराष्ट्र वनरक्षक-वनपाल एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष हीरानंद एम मिश्रा ने आईएएनएस को बताया, "एक आईपीएस अधिकारी द्वारा पिछले एक महीने में की गई उच्च-स्तरीय जांच के बाद रेड्डी के खिलाफ बुधवार को एक अपराध दर्ज किया गया है. कल देर शाम उन्हें सिविल लाइंस में वन अधिकारियों के आवास परिसर से धरनी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था."
25 मार्च को 28 वर्षीय एक डेयर-डेविल रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर दीपाली चव्हाण मोहिते ने एमटीआर के पास हरिसाल गांव में अपने सरकारी आवास पर अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली थी.
अपने 4 पेज के सुसाइड नोट में, उसने अपने वरिष्ठ विनोद शिवकुमार (आईएफएस) पर पेशेवर यातना और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और उसकी शिकायतों का संज्ञान नहीं लेने के लिए रेड्डी का नाम भी लिया था.
भागने की फिराक में था शिवकुमार
इस मामले में आरोपी शिवकुमार को 26 मार्च की शाम को उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वह बेंगलुरु भागने की फिराक में था. वहीं अब दीपाली की आत्महत्या के एक महीने के बाद रेड्डी को गिरफ्तार किया गया, लेकिन दोनों अधिकारियों को पिछले महीने निलंबित कर दिया गया था.
दीपाली आत्महत्या का मुद्दा कांग्रेस के मंत्री यशोमति ठाकुर, सांसद नवनीत कौर राणा और अन्य नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सामने रखा था, जबकि राज्य सरकार ने इस घटना की जांच का आदेश दे दिया था.
शिवकुमार पर यौन शोषण का आरोप
शिवकुमार अभी जेल में हैं और उनकी जमानत याचिका पिछले एक महीने में दो बार खारिज कर दी गई, जबकि रेड्डी ने अग्रिम जमानत मांगी थी, जो कि उनके खिलाफ दर्ज किसी भी अपराध की अनुपस्थिति में 3 अप्रैल को दी गई थी.
उसके सुसाइड नोट से पता चला कि कैसे शिवकुमार उसे प्रताड़ित करता था, कभी-कभी खुलेआम तो कभी- कभी छुपकर उसका यौन शोषण करता था. उसको सजा भी देता था, उसके प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में उसे दूर-दूर भेज देता था, जिसके चलते उसका गर्भपात हो गया. उसको मुश्किल काम देता था. यहां तक की उसकी एक बार सैलरी तक रोक ली गई थी.
हालांकि उसने शिवकुमार के खिलाफ अपने वरिष्ठ रेड्डी से शिकायत की, बाद में कथित तौर पर न्याय के लिए उसकी याचिका को नजरअंदाज कर दिया, जिसने उसे आत्महत्या करने पर मजबूर किया.