मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी और अर्ध-सरकारी कार्यालयों में सभी अधिकारियों के लिए केवल मराठी में बात करना अनिवार्य कर दिया है. स्टेट प्लानिंग डिपार्टमेंट द्वारा जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक, भारत के बाहर और गैर-मराठी भाषी राज्यों से आने वाले आगंतुकों को छोड़कर, सभी अधिकारियों को आगंतुकों के साथ बातचीत करते वक्त मराठी भाषा का उपयोग करना चाहिए.
यह नियम सभी सरकारी कार्यालयों, अर्ध-सरकारी कार्यालयों, स्थानीय स्वशासन, सरकारी निगमों और सरकारी सहायता प्राप्त प्रतिष्ठानों पर लागू होता है. पॉलिसी का मकसद सभी सार्वजनिक मामलों में मराठी को बढ़ावा देना, भाषा को संरक्षित और विकसित करना है. राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि सभी कार्यालयों में पीसी कीबोर्ड में रोमन वर्णमाला के अलावा मराठी देवनागरी अल्फाबेट भी होनी चाहिए. नए नियमों का पालन करने में फेल रहने पर दोषी अधिकारियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
बता दें कि सरकार के मुताबिक, यह कदम राज्य में मराठी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है.