बेरोजगारों से लाखों की ठगी करने वाले गिरोह का सरगना गिरफ्तार

जांच में हुआ बड़ा खुलासा

Update: 2023-09-30 14:46 GMT
हरिद्वार। खुद को डीएम बताकर सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर बेरोजगारों से धन व संपत्ति हड़पने वाले गैंग का पर्दाफाश करते हुए ज्वालापुर और रानीपुर कोतवाली पुलिस टीम ने गैंग के मुख्य सरगना को गिरफ्तार किया है। पुलिस गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश में जुट गयी है। गिरफ्तार गैंग सरगना लोगों को प्रभावित करने के लिए उत्तराखंड सरकार की नेम प्लेट लगी गाड़ी, ड्राइवर और गनर साथ रखता था। सीओ ज्वालापुर निहारिका सेमवाल ने बताया कि खन्ना नगर निवासी चेतना अरोड़ा पुत्री स्वर्गीय अमरनाथ अरोड़ा ने पुलिस को तहरीर देकर निहार कर्णवाल पुत्र स्वर्गीय राजेंद्र कर्णवाल निवासी खन्ना नगर पर स्वयं को उधमसिंह नगर का डीएम बताते हुए पीडब्ल्यूडी में निरीक्षण अधिकारी के पद पर नौकरी दिलवाने के नाम पर धोखाखड़ी कर डेढ़ लाख रुपये और भाई का मकान हड़पने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था।
विवेचक रेल चौकी प्रभारी एसआई विकास रावत को जांच सौंपी गयी। विवेचना में सामने आया कि निहार कर्णवाल ने पीडब्ल्यूडी में नौकरी दिलाने के नाम पर चेतना से 6.50 लाख रुपये की मांग की। इस पर चेतना की मां ने निहार कर्णवाल को 1.50 लाख रुपये दे दिए। बाद में निहार ने बताया कि वह नौकरी अब समाप्त हो गयी है, लेकिन वह उसकी नौकरी एसडीएम के पद पर लगा सकता है। इसके लिए 70 लाख रुपए देने होंगे। पैसों की व्यवस्था नहीं होने पर निहार ने कहा कि वह अपने साथियों के माध्यम से एक दिन में चेतना के भाई का मकान बिकवाकर पैसों की व्यवस्था करा सकता है। आरोपित निहार ने चेतना के साथ धोखाधड़ी करते हुए पैसे व उसके भाई का मकान भी हड़प लिया। चेतना के पैसे वापस मांगने पर निहार ने कहीं शिकायत करने पर उसे और उसकी मां को जान से मारने की धमकी दी।
जांच पड़ताल करने के बाद पुलिस टीम ने आरोपित निहार कर्णवाल को ऋषिकुल तिराहे के पास से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में निहार ने बताया कि वह अपने अन्य साथियों निशांत कुमार गुप्ता, निखिल बेनिवाल व उसकी माता मेमकिला के साथ मिलकर एक गिरोह के रूप में काम करते हैं और बेरोजगार युवक-युवतियों को अपना निशाना बनाकर उनको सरकारी नौकरी का लालच देकर ठगी करते हैं। प्रॉपर्टी डीलर का काम करने वाले गैंग के सदस्य निखिल बेनीवाल के माध्यम से संपत्ति उसके और परिवार के नाम पर गिफ्ट करवा लेते हैं और बाद में बेच देते हैं। सीओ ने बताया कि गैंग ने निहार कर्णवाल को जिला अधिकारी बताकर शिवालिक नगर निवासी एक महिला को शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण किया और उसके परिवार को विश्वास में लेकर पीड़िता की माता से कुछ प्लाट अपने नाम पर गिफ्ट करवा लिए। फर्जी कागजात के आधार पर उनकी कारें भी हड़प लीं। इस संबंध में पीड़िता की ओर से रानीपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है। गिरोह के अन्य सदस्यों निशांत कुमार गुप्ता, निखिल बेनीवाल व मेमकिला की तलाश की जा रही है। जल्द ही सभी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस टीम में शामिल सीओ ज्वालापुर निहारिका सेमवाल, ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी कुन्दन सिंह राणा व रानीपुर कोतवाली प्रभारी नरेंद्र बिष्ट की खास भूमिका रही।
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