BIG BREAKING लॉरेंस बिश्नोई इंटरव्यू: बड़ा एक्शन हुआ, दो डीएसपी सहित 7 पुलिसकर्मी निलंबित

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Update: 2024-10-26 06:21 GMT
मोहाली: लॉरेंस बिश्नोई इंटरव्यू मामले में पंजाब की भगवंत मान सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए डीएसपी गुरशेर सिंह संधू समेत छह अन्य पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है. इन सभी को 3 अप्रैल 2022 को गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का साक्षात्कार आयोजित करने का दोषी पाया गया. लॉरेंस तब सीआईए पुलिस स्टेशन, खरड़ में बंद था. ड्यूटी में कोताही और लापरवाही बरतने के आरोप में इन सभी को सस्पेंड किया गया है.
करीब डेढ़ साल हुआ लॉरेंस का यह इंटरव्यू एक टीवी चैनल पर चला था जो खूब वायरल हुआ. इसके बाद पंजाब सरकार औऱ पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी. मोहाली के डीएसपी स्पेशल ऑपरेशन सेल गुरशेर सिंह संधू के अलावा जिन और पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है उनमें शामिल हैं-
1.समर वनीत, पीपीएस, डीएसपी
2.सब इंस्पेक्टर रीना, सीआईए, खरड़
3.सब इंस्पेक्टर (एलआर) जगतपाल जांगू, एजीटीएफ
4.सब इंस्पेक्टर (एलआर) शगनजीत सिंह
5.एएसआई मुख्तियार सिंह
6. एचसी (एलआर) ओम प्रकाश
पंजाब के गृह विभाग ने पंजाब मानवाधिकार आयोग के विशेष डीजीपी परबोध कुमार के नेतृत्व में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा अपनी रिपोर्ट में सात पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया गया था. इसके बाद पंजाब सरकार ने यह निलंबन का आदेश दिया. बिश्नोई के इंटरव्यू के लिए, पंजाब पुलिस ने 5 जनवरी 2024 को पुलिस स्टेशन स्टेट क्राइम, फेज 4, मोहाली में आईपीसी की धारा 384, 201, 202, 506, 116 और 120-बी और जेल अधिनियम 1894 की धारा 46 (जिसे बाद में जेल (पंजाब संशोधन अधिनियम 2011 की धारा 52(1) से बदल दिया गया) के तहत एफआईआर दर्ज की थी.
गृह सचिव आईएएस गुरकीरतकिरपाल सिंह ने शुक्रवार देर शाम पारित अपने आदेश में उल्लेख किया कि निलंबित व्यक्ति चंडीगढ़ में डीजीपी कार्यालय में तैनात रहेंगे और सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना स्टेशन नहीं छोड़ेंगे. उन्हें नियमों के अनुसार निर्वाह भत्ता लेने की अनुमति होगी. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने खुद ही से कार्रवाई करते हुए, दिनांक 21 दिसंबर 2023 को, प्रबोध कुमार आईपीएस की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन किया था, जिसने एक सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी.
डीएसपी गुरशेर सिंह संधू पर हाल ही में जालसाजी, प्रतिरूपण, दस्तावेजों के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार विरोधी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. बलजिंदर सिंह टाहला की शिकायत पर सतर्कता ब्यूरो द्वारा उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (डीए) की जांच शुरू की गई है.
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