Una. ऊना। राष्ट्रीय संत बाबा बाल जी महाराज आश्रम कोटला कलां में मंगलवार को निर्जला एकादशी के उपलक्ष्य में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। धार्मिक समागम में भक्तों का भारी हुजूम उमड़ा। भक्तों ने कतारबद् होकर बाबा बाल जी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। राष्ट्रीय संत बाबा बाल जी महाराज ने प्रवचन करते हुए कहा कि केवल भगवान का सुमिरन करने पर ही हमें सच्चे सुख की अनुभूति हो सकती है। इन सांसारिक वस्तुओं को हम धन दौलत से खरीद तो सकते हैं, लेकिन यह हमें सच्चा सुख प्रदान नहीं कर सकते।
इंसान हर समय धन दौलत कमाने के बारे में सोचता है लेकिन असली कमाई तो प्रभु के सुमिरन की करनी चाहिए। केवल भगवान का किया हुआ सुमिरन ही हमारे साथ जाएगा। बाबा बाल जी ने कहा कि आजकल जगह-जगह श्रीमद्भागवत कथाएं होती हैं। लोग पूजा पाठ करते हैं। सत्संग भी सुनते हैं। इस सत्संग का हमारे जीवन पर क्यों प्रभाव नहीं पड़ता। हम जैसे सत्संग सुनने गए वैसे ही वहां से वापस आ गए तो हमारा सत्संग में जाने का कोई लाभ नहीं है। उन्होंने कहा कि कई बार हम सत्संग में बैठे होते हैं लेकिन हमारा मन कहीं और घूम रहा होता है। हमें चाहिए कि अपने मन को सत्संग में टिकाकर बैठें और संत जो प्रवचन करते हैं उस पर अमल करें। संतों के प्रवचनों के कहे अनुसार अपने जीवन को ढालें।