कपड़ा व्यापारी का अपहरण करने वाले गिरफ्तार, 12 घंटे के अंदर Police ने किया रेस्क्यू

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Update: 2024-07-23 01:15 GMT

मुंबई mumbai news। मुंबई पुलिस ने एक कपड़ा व्यापारी को अपहरण kidnapping कर्ताओं से छुड़ाकर उन्हें सकुशल बरामद किया है, साथ ही मामले में तीन को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने किडनैप हुए व्यापारी को 12 घंटे बाद पुणे से सकुशल बचाया. सामने आया है कि 30 साल के कपड़ा व्यवसायी हेमंत कुमार रावल को 22 जुलाई को तीन लोगों ने मिलकर किडनैप किया था. पुलिस ने इस मामले में कपूरम घांची, प्रकाश पवार और गणेश पात्रा को गिरफ्तार किया है.

LT Marg Police एलटी मार्ग पुलिस के मुताबिक, किडनैपिंग व्यापारिक विवाद के चलते की गई थी. कपूरम घांची ने हेमंत कुमार रावल के साथ मिलकर कपड़ा व्यवसाय शुरू किया था. घांची अहमदाबाद से रावल को कपड़ा सप्लाई करता था और रावल इसे पुणे में सप्लाई करता था. बता दें कि, रावल और मुख्य आरोपी कपूरी राम घांची, दोनों राजस्थान के सिरोही के रहने वाले हैं और एक-दूसरे से परिचित हुए और समय के साथ दोस्त बन गए.

घांची की पुणे के कोंढवा में दो दुकानें हैं, एक रेडीमेड कपड़ों की और दूसरी ड्रेस मटेरियल की. कोविड के दौरान, रावल का व्यवसाय चल नहीं पाया और वह वादे के अनुसार डिलीवरी नहीं दे सका. जब घांची इस बारे में फॉलो-अप करता था, तो वह उसकी कॉल को नजरअंदाज कर देता था और अपना फोन बंद कर देता था.

घांची इससे चिढ़ गया और उसे पता चला कि रावल मुंबई में है और उसने पुणे के अन्य दोस्तों के साथ रावल का अपहरण करने की योजना बनाई. 21 जुलाई की सुबह, रावल अपने दोस्तों के साथ कालबादेवी में एक बार से लौटकर सड़क पर टहल रहे थे, तभी उन्हें जबरन कार में पुणे ले जाया गया. जांच अधिकारी एपीआई राहुल भंडारे ने कहा, "पीड़ित मुख्य आरोपी को नजरअंदाज कर रहा था, इसलिए वह उसका अपहरण करने के लिए चार और लोगों को ले कर आया था जो कि पुणे के लोकल लोग ही थे.

उन्होंने सड़क पर उसकी पिटाई की और उसे कार में धकेल दिया. आरोपी महिंद्रा एक्सयूवी 700 में आए थे. पुलिस ने इसे जब्त कर लिया है. बकौल पुलिस पीड़ित के दोस्त ने पुलिस कंट्रोल रूम की हेल्पलाइन पर डायल किया और हमें सूचित किया. सीसीटीवी के माध्यम से हमने तुरंत कार की नंबर प्लेट देखी और पता चला कि यह पुणे में रजिस्टर्ड है. मालिक के बारे में जानकारी जुटाने के बाद हम मौके के लिए रवाना हो गए. चूंकि घटना दोपहर 1.50 बजे हुई, इसलिए हमने कार को रोकने के लिए सभी पुलिस जांच बिंदुओं को तुरंत सतर्क कर दिया, लेकिन दुर्भाग्य से वे उसे पार कर चुके थे. हमने घांची की फोन लोकेशन पुणे, कोंढवा में उसकी दुकान के परिसर में ढूंढी. इसके बाद 12 घंटे के भीतर गिरफ्तारियां कर ली गईं."


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