दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार को उदयपुर हत्याकांड की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपे जाने पर केंद्र से सवाल किया। आरोपी रियाज अटारी और एक भाजपा नेता के बीच संबंध होने का दावा करने वाली कुछ मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, "हमने उन दावों पर अपना शोध किया और हमें राजस्थान के भाजपा नेताओं के पुराने फेसबुक पोस्ट मिले जिनमें रियाज अटारी को 'बीजेपी कार्यकर्ता' के रूप में उल्लेख किया गया था।"
खेड़ा ने कहा, "इससे ज्यादा स्पष्ट क्या हो सकता है? रियाज अटारी बीजेपी नेताओं के कार्यक्रमों में मौजूद रहे। भाजपा नेताओं ने उन्हें 'भाई' कहा। इस देश में क्या हो रहा है? कल सुप्रीम कोर्ट ने कुछ गंभीर टिप्पणियां कीं, जिन्हें उदयपुर मामले में ताजा खुलासे के आलोक में फिर से देखा जाना चाहिए। कौन हैं नूपुर शर्मा? उनकी पहचान पार्टी ने स्थापित की है। उन्होंने भाजपा के प्रवक्ता के रूप में वे टिप्पणियां कीं और 10 दिनों के बाद भी पद पर बनी रहीं। तो अगर सुप्रीम कोर्ट नूपुर शर्मा के खिलाफ कुछ टिप्पणी करता है, तो वह टिप्पणियां भाजपा के लिए हैं।"
अपनी बात को जारी रखते हुए पवन खेड़ा ने कहा, "जब केंद्र ने एनआईए जांच का आदेश दिया, तो हमने इसका स्वागत किया। हमारे मुख्यमंत्री (अशोक गहलोत) ने एनआईए को सहायता का आश्वासन दिया। लेकिन अब हम यह सवाल उठा रहे हैं: क्या केंद्र ने रियाज कटारी के बारे में इन सूचनाओं को छिपाने के लिए जल्दबाजी में एनआईए जांच का आदेश दिया था।" मोहम्मद रियाज अटारी हिंदू दर्जी कन्हैया लाल के हत्यारों में से एक है, जिसका सिर कलम किया गया था और उसका वीडियो ऑनलाइन जारी किया गया था।
रियाज अटारी और गौस मुहम्मद ने हत्या की जिम्मेदारी ली, जो उन्होंने कहा कि इस्लाम के अपमान का बदला लेने के लिए था। बता दें कि कन्हैया ने सोशल मीडिया पर नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट किया था। भाजपा ने पहले ही आरोपों का जवाब दिया है और कहा है कि हत्यारों ने घुसपैठ की कोशिश की थी जैसे लिट्टे के हत्यारों ने राजीव गांधी को मारने के लिए कांग्रेस में प्रवेश करने का प्रयास किया था। अमित मालवीय ने अटारी के बीजेपी लिंक के दावों को फर्जी बताया और इसे खारिज करते हुए ट्वीट किया।