कमलनाथ ने अपने आवास पर लगाया प्रभु श्रीराम का झंडा, दिल्ली पहुंच रहे उनके समर्थक

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Update: 2024-02-18 08:33 GMT
दिल्ली। बीते दिनों से मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल मचा हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ के कांग्रेस का साथ छोड़ भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। दोनों नेता दिल्ली में मौजूद हैं। माना यह भी जाना रहा है कि उनके साथ कांग्रेस के कई नेता भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इसी बीच कमलनाथ ने दिल्ली स्थित अपने आवास पर श्रीराम का झंडा लगा दिया है। इससे संकेत मिल रहे हैं कि वह कांग्रेस का साथ छोड भाजपा के साथ जा सकते हैं।

हालांकि कमलनाथ और नकुलनाथ ने इसकी पुष्टि नहीं की है। वहीं उनके घर की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। इसके अलावा कमलनाथ खेमे के नेता माने जाने वाले सज्जन सिंह वर्मा ने भी सोशल मीडिया एक्स पर भगवान राम के साथ पोस्टर साझा किया है। पोस्टर में लिखा है,''तेरे राम मेरे राम, तुझमें भी राम, मुझमें भी राम, जय श्रीराम।'' उधर दिल्ली भाजपा के नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने की खबरों को निराधार बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, बहुत से मित्रों के फ़ोन आ रहे है और वो कमलनाथ के बारे में पूछ रहे हैं। मैंने उनसे फ़ोन पर भी कहा है और यहां भी कह रहा हूं कि सिखों के हत्यारे और हिन्द दी चादर गुरु तेग बहादुर जी के गुरुद्वारे रकाबगंज साहिब को जलाने वाले कमलनाथ के लिए भाजपा के दरवाज़े न खुले थे न खुले हैं । प्रधानमंत्री मोदी के होते हुए कभी ऐसा संभव नहीं हो पाएगा, ऐसा मैं आप सबको भरोसा दिलाता हूं।''

अब उनके समर्थकों का दिल्ली पहुंचना शुरू हो गया है। बीते कुछ दिनों से कमलनाथ और कांग्रेस हाई कमान के बीच दूरियां बढ़ीं और राज्यसभा के उम्मीदवार के ऐलान के बाद यह दूरी साफ नजर भी आने लगी। इसी बीच कमलनाथ और उनके पुत्र नकुलनाथ के भाजपा में शामिल होने की चर्चाओं ने भी जोर पकड़ लिया।

कमलनाथ अपने पुत्र के साथ छिंदवाड़ा के दौरे को बीच में ही रद्द कर दिल्ली रवाना हो गए। इसके चलते सियासी कयासबाजी और तेज हो गई। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके पुत्र दिल्ली में हैंं, तो वहीं उनके समर्थकों ने भी दिल्ली की ओर रुख करना शुरू कर दिया है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि एक दर्जन से ज्यादा विधायक और महापौर भी दिल्ली पहुंच रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके पुत्र नकुलनाथ के भाजपा में शामिल होने की चर्चाओं पर दोनों की ओर से अब तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है, हां कमलनाथ ने इतना जरूर कहा है कि जो भी होगा, सबसे पहले मीडिया को ही बताऊंगा। ज्ञात हो कि राज्य में वर्ष 2020 में सबसे बड़ा दल बदल हुआ था जब 22 विधायकों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा का दामन थामा था। इस दल बदल के बाद ही कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार गिर गई थी और भाजपा सत्ता में वापस लौटी थी। अब एक बार फिर कांग्रेस में बड़े दल बदल की चर्चाएं जोरों पर है।


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