नई दिल्ली: न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित को भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया।
जस्टिस यूयू ललित वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट में जज और उसके बाद मुख्य न्यायाधीश बनने वाले दूसरे जज हैं। इससे पूर्व जस्टिस एसएम सीकरी देश के 13वें मुख्य न्यायाधीश बने थे। उन्हें भी बार से सीधे सुप्रीम कोर्ट में जज बनाया गया था। जस्टिस सीकरी का कार्यकाल 1971 से अप्रैल 1973 तक था।
महाराष्ट्र से आने वाले जस्टिस ललित अगस्त 2014 में वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बनाए गए थे। उनके पिता मुंबई हाईकोर्ट में जज रह चुके हैं। वह तीन तलाक को खत्म करने वाली बेंच के सदस्य रहे हैं। जनवरी 2019 में अयोध्या में रामजन्म भूमि विवाद का फैसला करने वाली संविधान पीठ से जस्टिस ललित स्वयं हट गए थे। उन्होंने कहा था कि वह इस मामले में 1997 में यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह के वकील रह चुके हैं, इसलिए वह इस बेंच का हिस्सा नहीं बनेंगे।
जस्टिस ललित इस समय करोड़ों कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण मामले, वेतन से पीएफ/पेंशन फंड काटने की सीमा बढ़ाने के खिलाफ ईपीएफओ की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे हैं।
इससे पूर्व जस्टिस ललित ने पिछले दिनों अप्रैल में एक फैसला दिया था, जिसमें उन्होंने चार वर्ष की बच्ची का रेप कर हत्या करने वाले फिरोज (35) की मौत की सजा माफ कर यह कहते हुए 20 साल की सजा सुनाई थी कि हर संत का इतिहास होता है और हर अपराधी का भविष्य होता है। बाद में महिला संगठनों ने इस फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर की, लेकिन उन्होंने उसे भी खारिज कर दिया था।