ई-कियोस्क पानी बिल घोटाले में दिल्ली जल बोर्ड के संयुक्त निदेशक गिरफ्तार
नई दिल्ली (आईएएनएस)| पूछताछ के घंटों बाद भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के एक संयुक्त निदेशक को 20 करोड़ रुपये के ई-कियोस्क पानी बिल घोटाले में गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान गाजियाबाद के राजिंदर नगर निवासी नरेश सिंह के रूप में हुई है, जिसे सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया था।
एसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, सिंह ने ऑरम ई-पेमेंट और फ्रेश पे के निदेशकों से लाखों रुपये की रिश्वत ली थी।
उन्होंने ऑरम ई-पेमेंट और फ्रेश पे के साथ बिल भुगतान का मिलान नहीं किया। कॉन्ट्रैक्ट को पहली बार 2015 में बढ़ाया गया था। सिंह ने ई-कियोस्क से बिल भुगतान के कलेक्शन के कॉन्ट्रैक्ट को 2020 तक बढ़ाने में फ्रेश पे की मदद की।
अधिकारी ने कहा, डीजेबी से फ्रेश पे कंपनी के लिए एक्सटेंशन करवाते समय सिंह ने पानी के बिलों के मिलान पर चुप्पी साध ली। उन्होंने कहा कि अन्य बैंक कर्मचारियों की आगे की भूमिका भी जांच के दायरे में है और फिलहाल जांच चल रही है।
इससे पहले, एसीबी ने 20 करोड़ रुपये के डीजेबी फंड के गबन के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।
ये तीन व्यक्ति ऑरम ई-पेमेंट के मालिक राजेंद्रन कीझेदथ नायर, कंपनी के सीएफओ गोपी कुमार केडिया और अतिरिक्त निदेशक अभिलाष वासुकुट्टन पिल्लई थे।
अधिकारियों के अनुसार, डीजेबी ने बिल भुगतान में अपने उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए कॉपोर्रेशन बैंक (अब यूनियन बैंक ऑफ इंडिया) को अपने कार्यालयों में विभिन्न स्थानों पर ऑटोमोटिव बिल पेमेंट कलेक्शन मशीन स्थापित करने का काम सौंपा था।
हालांकि, बैंक ने यह कॉन्ट्रैक्ट फ्रेश पे आईटी सॉल्यूशंस को दे दिया, जिन्होंने इसे ऑरम ई-पेमेंट को दे दिया।
कॉन्ट्रैक्ट 10 अक्टूबर 2019 तक था। हालांकि ऑरम ई-पेमेंट ने मार्च 2020 तक की राशि एकत्र कर ली।