झारखंड : उदघाटन से पहले ही टूटा कांची नदी का पुल, गुणवत्ता को लेकर उठ रहे हैं सवाल
रांची के तमाड़ जिले पर करोड़ों की लागत से तैयार हुआ पुल गुरुवार को टूट गया
चक्रवाती तूफान यास (Cyclone Yaas) के कराण पश्चिम बंगाल सहित बिहार और झारखंड (Jharkhand) में भी काफी नुकसान हुआ है. बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान की वजह से पिछले कई दिनों से झारखंड में भारी बारिश हो रही है. राज्य की अधिकतर नदिया उफान पर हैं. भारी बारिश के चलते रांची के तमाड़ जिले पर करोड़ों की लागत से तैयार हुआ पुल गुरुवार को टूट गया.
बता कि यह पुल तीन साल पहले ही बनकर तैयार हुआ था लेकिन अभी तक ऐसी कोई ऐसी सड़क नहीं थी तो इस पुल को सीधे जोड़े. इस वजह से इस पुल का अभी तक उद्घाटन भी नहीं हो सका था. अब पुल के टूटने की खबर लगते ही विरोधी सरकार पर निशाना साध रह हैं. इसके साथ ही पुल की गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं.
कांची नदी पर बनाया गया यह पुल मुख्य रूप से तमाड़, बुंडू और सोनाहातू को आपस मे जोड़ता है. पुल इतना कमजोर था कि यह चक्रवाती तूफान यास को सह नहीं सका और बीच से टूट गया. पुल टूटने के बाद ग्रामीणों का कहना है कि कांची नदी पर लगातार बालू का खनन किया जा रहा था जिसकी वजह से पुल टूटा. उन्होंने कहा कि अगर समय रहते प्रशासन ने बालू माफियाओं पर लगाम कसी होती तो यह पुल बच सकता था.
ग्रामीणों ने लगाया यह आरोप
ग्रामीणों ने बताया कि अभी तक इस पुल को आने जाने के लिए ठीक प्रकार से चालू भी नहीं किया गया था और अब इसका यह हाल है. गांव वालों का कहना है कि पुल के ठीक नीचे से हर दिन अवैध खनन होती थी जिसकी वजस से पुल की नीव कमजोर पड़ गई. वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों का कहना है कि तूफान और लगातार भारी बारिश की वजह से पुल टूट गया. पुल के टूट जानें से अब लोगों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.