Jhaadeedaar घास से खड्डें अवरुद्ध, सफाई के लिए फंड नहीं

Update: 2024-06-22 10:51 GMT
Una. ऊना। प्रदेश में मानसून की दस्तक लगभग हो चुकी है। तैयारियां झाड़ीदार घास से पूरी तरह से अवरुद्ध हो चुकी खड्डों-नालों को देखकर ही जिला प्रशासन की बरसात को लेकर तैयारियां का अंदाजा लगाया जा सकता है। हालांकि जिला प्रशासन की ओर से इस संबंध में मीटिंग हॉल व कार्यालयों के अंदर बैठकर रणनीतियां तैयार की जा रही है, लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं किया जा रहा है। अगर बाढ़ नियंत्रक विभाग की बात करें तो विभाग के अधिकारियों के अनुसार खड्डों की सफाई करवाने के लिए सरकार की ओर से कोई भी बजट जारी नहीं किया गया है। अब सरकार ही इस मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं है तो प्रशासन व विभाग बिना बजट के कैसे कार्य करेगा। मौसम विभाग के अनुसार हिमाचल प्रदेश में मानसून लगभग प्रवेश कर चुका है। प्रदेश में 20 से 22 जून के बीच मानसून का आगमन होना था। पिछले वर्ष 2023 में मानसून 24 जून में
प्रदेश में दस्तक दे चुका था।
जिला ऊना में बड़ी-छोटी खड्डों को शामिल कर 73 ऐसी खड्डे हैं, जो बरसात के मौसम में तबाही मचा सकती हैं और बाढ़ के पलटने से हजारों हेक्टेयर उपजाऊ भूमि व फसलों को बर्बाद कर सकती है। अगर पिछले वर्ष की बात करें तो जिला ऊना में करोड़ों रुपयों का बरसात के कारण नुकसान हुआ था। बीते वर्ष की भारी बरसात के जख्म अभी भी कई जगहों पर देखने को मिल सकते हैं, लेकिन इसके बाद भी सरकार व प्रशासन इस संबंध में गंभीर नहीं है। बता दें कि जिला ऊना प्रदेश का एक कृषि प्रदान जिला है। जहां खड्डों व नालों के ओवर फ्लो फ्लड व बाढ़ के पलटने से सबसे पहले किसानों की उपजाऊ भूमि को नुकसान पहुंचता है। रेत आने से उपजाऊ जमीनें बंजर हो जाती है। जिन्हें फिर से उपजाऊ बनाने के लिए भारी खर्च उठाना पड़ता है।
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